झारखंड: दहकते अंगारों पर नंगे पांव चले भक्त, मां काली को ऐसे करते हैं प्रसन्न, इस गांव की ये है परंपरा

ग्राम मुंडा परमेश्वर महतो बताते हैं कि जलते अंगारों पर चलना या लोहे के नुकीले कील से छेदन कर काइस घांस को आर-पार करना गांव की वर्षों पुरानी परंपरा है. यह परंपरा अब भी गांव में झलकती है और गांव में प्रति वर्ष काली पूजा के अवसर पर यह कार्यक्रम होता है.

By Guru Swarup Mishra | November 16, 2023 9:56 PM

बंदगांव (पश्चिमी सिंहभूम), अनिल तिवारी: झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले की कराईकेला पंचायत के बाउरीसाई गांव में काली पूजा हर्षोल्लास के साथ मनायी गयी. यह कार्यक्रम बाउरीसाई काली मंदिर परिसर में संपन्न हुआ. पूजा से पहले सैकड़ों भक्तों ने गाजे-बाजे के साथ बाउरीसाई तालाब से स्नान कर मां काली की पूजा-अर्चना की. मंदिर परिसर में भक्त मां काली की जयकार लगाते हुए पहुंचे. मंदिर के पुजारी सत्यवान महापात्र के द्वारा विधि-विधान से मां काली की पूजा-अर्चना की गयी.

जलते अंगारों पर नंगे पांव चले मां काली के भक्त

भक्त मां काली को प्रसन्न करने के अलग-अलग तरीके ढूंढते हैं. बाउरीसाई गांव के लोगों ने मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद जलते अंगारों पर नंगे पांव चले. इसके बाद परासर महतो के साथ छह अन्य भक्तों ने अपने बांह पर लोहे के नुकीले कील से छेदन कर काइस घांस को आर-पार किया. इसके बाद छेदे गये भक्तों को श्रद्धालुओं द्वारा काइस घांस के सहारे खींचते हुए नाचते-गाते देर शाम काली मंदिर लाया गया. इस दौरान भक्त गाजे-बाजे के साथ बाउरीसाई ऊपर टोला से मंदिर परिसर पहुंचे और मां काली की पूजा-अर्चना की.

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वर्षों पुरानी है यह परंपरा

ग्राम मुंडा परमेश्वर महतो बताते हैं कि जलते अंगारों पर चलना या लोहे के नुकीले कील से छेदन कर काइस घांस को आर-पार करना गांव की वर्षों पुरानी परंपरा है. यह परंपरा अब भी गांव में झलकती है और गांव में प्रति वर्ष काली पूजा के अवसर पर यह कार्यक्रम होता है. उन्होंने कहा कि यह परंपरा 1850 से बाउरीसाई गांव में काली पूजा पर चली आ रही है.

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इनका रहा सराहनीय योगदान

इस पूरे कार्यक्रम को सफल बनाने में ग्राम मुंडा परमेश्वर महतो, अध्यक्ष अभिलेख महतो, उपाध्यक्ष मानतानु महतो, कोषाध्यक्ष कुलदीप महतो और सचिव बापटू प्रामाणिक का मुख्य योगदान रहा है. इसके अलावा इस पूरे कार्यक्रम में दीपक महतो, रतन महतो, छोटेलाल महतो, अजय महतो, नीलकंठ कटिहार, ताराचन्द महतो, तुलसी महतो, बीजू प्रामाणिक, विजय महतो समेत अन्य ग्रामीणों का सराहनीय योगदान रहा.

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कई इलाकों से पहुंचे लोग

कार्यक्रम के अवसर पर ओटार, लाडूपौदा, हुड़ागदा, भालूपानी, नकटी, करायकेला, चक्रधरपुर, सोनुवा, चाईबासा, मनोहरपुर, गोइलकेरा, राउलकेला, जमशेदपुर, गम्हरिया, सरायकेला, खरसावां समेत विभिन्न जगहों से लोग उपस्थित होकर मां काली की पूजा की.

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