West Bengal: मुख्यमंत्री ने अपने घर पर की काली पूजा, खुद बनाया खिचड़ी का प्रसाद, दी शुभकामनाएं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के कालीघाट स्थित आवास पर इस बार भी काली पूजा का आयोजन किया गया. वर्ष 1978 से ममता बनर्जी अपने आवास पर कालीपूजा करती आ रही हैं. मुख्यमंत्री के आवास पर भव्य काली पूजा की गयी.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2022 11:15 AM

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के कालीघाट स्थित आवास पर इस बार भी काली पूजा का आयोजन किया गया. वर्ष 1978 से ममता बनर्जी अपने आवास पर कालीपूजा (Kali puja) करती आ रही हैं. मुख्यमंत्री के आवास पर भव्य काली पूजा की गयी. जानकारी के अनुसार, सुश्री बनर्जी काली पूजा के लिए दिनभर उपवास पर रहीं और पूजा के लिए जरूरी सामग्रियों की व्यवस्था भी खुद ही की. कालीपूजा के दौरान मुख्यमंत्री ने चक्रवात सित्रांग से निपटने की तैयारियों की समीक्षा भी की. मुख्यमंत्री लगातार मुख्य सचिव व अन्य उच्चधिकारियों से बराबर संपर्क में रहीं. उनके आवास पर कालीपूजा में राज्य के आला अधिकारी व विशिष्टजन आमंत्रित थे. कई मंत्री व विधायक भी मुख्यमंत्री के घर पर उपस्थित रहे.

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राज्यवासियों को दी कालीपूजा की शुभकामनाएं

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालीपूजा व दीपावली की राज्य के लोगों को शुभकामनाएं दीं. उन्होंने प्रार्थना की कि मां काली राज्य की बेहतरी के लिए संघर्ष करने की शक्ति दें. सुश्री बनर्जी ने ट्वीट किया कि दीपावली के मौके पर मां काली से प्रार्थना है कि वह हमें आसुरी की शक्तियों से लड़ने की शक्ति दें. प्रकाश का त्योहार हमारे जीवन से हर तरह के अंधकार को दूर करे और सुख-समृद्धि लाये. पश्चिम बंगाल में आम तौर पर दीपावली से एक दिन पहले काली पूजा होती है. पर इस बार काली पूजा व दीपावली दोनों ही एक ही दिन धूमधाम से मनायी गई. वहीं आज भी मंदिरों में लोगों की भीड़ उमड़ रही है.

मुख्यमंत्री ने बनाया खिचड़ी का प्रसाद

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालीपूजा के दूसरे दिन अपने हाथों से खिचड़ी के प्रसाद का भोग बनाया और लोगों में वितरित किया गया. मुख्यमंत्री खुद ही मेहमानों का स्वागत करती हुई नजर आई. जिसमें वीवीआईपी, कैबिनेट सहयोगी, राजनीतिक नेता और आम लोग शामिल थे. इस दौरान तृणमूल कांग्रेस प्रमुख की एक झलक पाने के लिए सैकड़ों लोगों की भीड़ उनके घर के बाहर जमा थी.

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