कालना की तैराक सायनी दास को मिला न्यूजीलैंड स्ट्रेट कुक चैनल पार करने की अनुमति,इलाके के लोगों में खुशी की लहर
सायनी दास आगामी वर्ष 15 मार्च को न्यूजीलैंड के कुक स्ट्रेट चैनल को पार करने वाली हैं. सायनी दास 31 मार्च से 5 अप्रैल 2024 के बीच किसी भी दिन न्यूजीलैंड पहुंच जाएगी. पिता राधेश्याम दास ने बताया कि कल ही रात को अनुमति पत्र उनके पास पहुंच गया है.
बर्दवान, मुकेश तिवारी : दुनिया के कई चैनल पार करने के बाद पूर्व बर्दवान जिले के कालना की रहने वाली सायनी दास को न्यूजीलैंड स्ट्रेट कुक चैनल पार करने की अनुमति मिल गई है. परमिट के घर पहुंचते ही सायनी दास और उनके परिवार के साथ ही इलाके के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है. संभावना: जताई जा रही है की सायनी दास फिर नया रिकॉर्ड बनाकर अपने इलाके जिले राज्य और देश का सुनाम करेगी.
आगामी वर्ष 15 मार्च करेंगी स्विमिंग
इस परमिट के मुताबिक सायनी दास आगामी वर्ष 15 मार्च को न्यूजीलैंड के कुक स्ट्रेट चैनल को पार करने वाली हैं. सायनी दास 31 मार्च से 5 अप्रैल 2024 के बीच किसी भी दिन न्यूजीलैंड पहुंच जाएगी. सायनी दास के पिता राधेश्याम दास ने बताया कि कल ही रात को अनुमति पत्र उनके पास पहुंच गया है. गौरतलब है कि अप्रैल 2022 के अंत में का की सायनी दास ने हवाई द्वीप के मलकाई चैनल पर विजय प्राप्त की थी. भारतीय समय के मुताबिक 44 किलोमीटर लंबे इस चैनल को पार करने में 19 घंटे 10 मिनट का समय महज लगाया था. सायनी दास ने वर्ष 2017 में इंग्लिश चैनल, वर्ष 2018 में ऑस्ट्रेलिया में रॉटनेस्ट चैनल और वर्ष 2019 में अमेरिका में कैटलिना चैनल पर जीत दर्ज किया है. इन चैनलों पर विजय प्राप्त करने के बाद, 2022 में उन्होंने हवाई द्वीप में 44 किमी लंबे जालोकाई चैनल पर विजय प्राप्त की थी.
Also Read: Photos : पुलिस की कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच कौशिकी अमावस्या पर तारापीठ में मां तारा की विशेष पूजा हुई शुरू
फिर एक नया रिकॉर्ड सैनी ने अपने नाम कर लिया
इस बार लक्ष्य 2024 में न्यूजीलैंड के कुक स्ट्रेट चैनल को जीतना है. सायनी दास इस दिशा में तैयारी शुरू कर दी है.गौरतलब है की हवाई द्वीप के मलकाई चैनल जीतने वाली एशिया की पहली महिला तैराक के रूप में सायनी दास को जाना जाता है. हवाई द्वीप के मलकाई चैनल को तैराकों के लिए पार करना काफी कठिन माना जाता है क्योंकि यहां शार्क जैसे खतरनाक जलीय जीवों का आना-जाना लगा रहता है.साथ ही यह जलधारा जानलेवा भी है. परिणामस्वरूप कई तैराक चाहकर भी मलकाई चैनल अभियान पर नहीं जाना चाहते है. हालाँकि, सायनी ने बिना पीछे हटे उस कठिन अभियान को सफलतापूर्वक पूरा करके अपनी इच्छा पूरी की थी..अब फिर सायनी के ताज में एक नया पंख अगले वर्ष लगने वाला है. अभी से ही सायनी तैयारी में जुट गई है .