पश्चिम बंगाल के कल्याणी में दुर्गापूजा पर मलयेशिया के ट्विन टावरों पर बने मंडप को देखने के लिए नदिया जिले के कल्याणी में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. इस बार यह शहर काली पूजा के लिए तैयार हो रहा है. आकर्षक थीम पर पूजा समितियां एक-दूसरे से आगे निकलने को तैयार हैं. पिछले दो साल कोरोना महामारी के बाद कल्याणी फिर से रोशनी के त्योहार के लिए पूरी तरह से सज उठा है. शहर के बी-ब्लॉक क्षेत्र में पेंग्विन क्लब द्वारा आयोजित काली पूजा में 31 फीट ऊंची फाइबर से तैयार मां काली की प्रतिमा स्थापित की गयी है. उनकी पूजा इस साल 31वें वर्ष में प्रवेश कर रही है.
मूर्ति के अनुरूप मंडप व प्रकाश की भी व्यवस्था की गयी है. पूजा समिति के सचिव अमित सरकार ने कहा हमें उम्मीद है कि इस वर्ष हमारे मंडप में 31 फीट की प्रतिमा देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु एकत्रित होंगे. वहीं, ए-7 क्षेत्र में शान क्लब की पहल पर कर्नाटक के मैसूर में इस्कॉन मंदिर के मॉडल पर एक विशाल मंडप बनाया गया है. पूजा के आयोजकों में से एक बंटी नंदी ने बताया कि हम दर्शकों के दिलों में जगह बनाने के लिए तैयार हैं. ए-9 स्क्वायर पार्क के पूजा मंडप में 18 फीट ऊंची मूर्ति है. इस वर्ष उनकी पूजा 28वें वर्ष में प्रवेश कर गयी है. पूजा समिति के संयुक्त सचिव डॉ सौरभ घोष ने कहा कि हम परंपरा के अनुसार पूजा का आयोजन करते हैं. पूजा के दिन हमारे मंडप में विभिन्न प्रतियोगिताओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है.
नैहाटी स्टेशन रोड से गंगा जेट्टी घाट की ओर जाते समय काली मंदिर के दर्शन होंगे. मंदिर के ठीक बगल में एक विशाल मूर्ति बनाई जा रही है. नैहाटी की बड़ोमां की मूर्ति की ऊंचाई 22 फीट है. इस मूर्ति की ऊंचाई नैहाटी की अन्य काली मूर्तियों की तुलना में काफी अधिक है, इसलिए बड़ो मां कहा जाता है. यहां उनकी पूजा दक्षिणकाली के रूप में की जाती है हर साल इस काली देवी की मूर्ति को कई किलो सोने के गहनों से सजाया जाता है.
Also Read: West Bengal: दक्षिणेश्वर काली मंदिर में होती है भव्य पूजा, जानें क्या है खास