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आगरा: कलयुग के श्रवण कुमार ने पूरी की मां की अंतिम इच्छा, स्ट्रेचर पर 1000 किमी दूर से लाया ताज का कराने दीदार

UP News: गुजरात के रहने वाले इब्राहिम ने अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर पर लेटा कर ताजमहल दिखाने लाया था. जब लोगों ने यह नजारा देखा तो हर व्यक्ति उसे कलयुग का श्रवण कहने लगें.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 21, 2023 8:36 PM

आगरा. उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध स्मारक ताजमहल देखने पहुंचे कलयुग के श्रवण कुमार को देखकर हर व्यक्ति चौक गया. हर व्यक्ति ने अपने दांतो तले उंगली दबा ली. गुजरात के रहने वाला एक व्यक्ति अपनी मां की अंतिम इच्छा पूरी करने के लिए उन्हें स्ट्रेचर पर लेटा कर ताजमहल दिखाने लाया था. जब लोगों ने यह नजारा देखा तो हर व्यक्ति उसे कलयुग का श्रवण कहने लगा. 1000 किलोमीटर दूर से यह व्यक्ति अपनी मां को लेकर ताजमहल पहुंचा. वहीं दूसरी तरफ एएसआई के अधिकारियों कर्मचारियों ने गुजरात के उस व्यक्ति की काफी मदद भी की.

इब्राहिम की मां रजिया बेन हैं 32 साल से कमर की समस्या से ग्रसित

अपनी मां की अंतिम इच्छा को पूरी करने के लिए गुजरात के कच्छ के मुंद्रा कस्बे में रहने वाले इब्राहिम उन्हें स्ट्रेचर पर लेकर ताजमहल पहुंचे. इब्राहिम की मां रजिया बेन की इच्छा थी कि वह मरने से पहले एक बार ताजमहल का दीदार करना चाहती है. लेकिन वह 32 साल से कमर की समस्या से ग्रसित हैं जिसकी वजह से वह व्हीलचेयर पर रहती हैं. ऐसे में वह ताजमहल तक आने में असमर्थ थी लेकिन उनकी इच्छा थी कि वे ताजमहल का एक बार दीदार जरूर करें. जब उन्होंने अपने बेटे इब्राहिम को अपनी इच्छा के बारे में बताया तो इब्राहिम ने उन्हें ताज का दीदार कराने की ठान ली और 1000 किलोमीटर से दूर अपनी मां के लिए तैयार कराए गए स्ट्रेचर पर लेकर आगरा पहुंचा.

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एएसआई के अधिकारियों व कर्मचारियों ने की ताजमहल घूमने में मदद

ताजमहल के दरवाजे पर अपनी मां के साथ पहुंचे इब्राहिम को देखते ही लोगों की भीड़ जुट गई. लोग इब्राहिम से पूछने लगे कि आपकी मां को क्या हुआ है और यहां क्यों लेकर आए हो. तो इब्राहिम ने बताया कि मेरी मां की अंतिम इच्छा ताजमहल देखने की है मैं उन्हें स्ट्रेचर पर ताजमहल दिखाने लाया हूं. इब्राहिम जब अपनी मां को लेकर ताजमहल में प्रवेश करने लगे तो वहां पर तैनात भारतीय पुरातत्व विभाग के कर्मचारियों ने भी इब्राहिम की काफी मदद की और उनकी मां को स्ट्रेचर के जरिए ताजमहल में प्रवेश कराया. ताज देखने के बाद वह काफी खुश हुई और उन्होंने अपने बेटे व अपनी बहू को आशीर्वाद भी दिया.

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