Kamada Ekadashi Vrat 2023: कामदा एकादशी व्रत आज, जानें शुभ मुहूर्त, व्रत विधि और पारण का समय
Kamada Ekadashi Vrat 2023: राम नवमी के बाद आने वाली ये एकादशी दुख और दरिद्रता को दूर करती है और कामनाओं को पूरा करती है.इसके व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने हुए पाप भी कट जाते हैं.
Kamada Ekadashi Vrat 2023: आज 1 अप्रैल को कामदा एकादशी का व्रत रखा जा रहा है. हिंदू धर्म में एकादशी व्रत को बेहद शुभ और सर्वश्रेष्ठ माना गया है. राम नवमी के बाद आने वाली ये एकादशी दुख और दरिद्रता को दूर करती है और कामनाओं को पूरा करती है.इसके व्रत के प्रभाव से जाने-अनजाने हुए पाप भी कट जाते हैं.
कामदा एकादशी व्रत शुभ मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि का शुभारंभ आज 01 अप्रैल 2023 मध्य रात्रि 12 बजकर 28 मिनट पर हो चुका है, जिसका समापन 2 अप्रैल को रात्रि 02 बजकर 49 मिनट पर होगा. इस विशेष दिन पर रवि योग सुबह 06 बजकर 17 मिनट से 02 अप्रैल को सुबह 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रवि योग में पूजा-पाठ करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है.
कामदा एकादशी 2023 शुभ योग (Kamada Ekadashi2 2023 Shubh Yoga)
कामदा एकादशी के दिन रवि योग बन रहा है, साथ ही इस दिन शनिवार होने से श्रीहरि के साथ व्रती को शनि देव की कृपा भी प्राप्त होगी. शनिवार और एकादशी के योग में काले तिल और तेल का दान जरूर करना चाहिए. इससे शनि की अशुभता दूर होती है और भगवान विष्णु के आशीर्वाद से जीवन सुखमय बनता है.
रवि योग – 1 अप्रैल 2023, सुबह 06.12 – 2 अप्रैल 2023, सुबह 04.48
कामदा एकादशी व्रत पूजा विधि
मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली कामदा एकादशी व्रत की पूजा विधि इस प्रकार है:
1. इस दिन प्रात:काल स्नान आदि से निवृत्त होकर व्रत का संकल्प लें और भगवान की पूजा-अर्चना करें.
2. पूरे दिन समय-समय पर भगवान विष्णु का स्मरण करें और रात्रि में पूजा स्थल के समीप जागरण करना चाहिए.
3. एकादशी के अगले दिन यानि द्वादशी को व्रत का पारण करना चाहिए.
4. एकादशी व्रत में ब्राह्मण भोजन और दक्षिणा का महत्व है इसलिए पारण के दिन ब्राह्मण को भोजन कराएं व दक्षिणा देकर विदा करें. इसके बाद ही भोजन ग्रहण करें.
कामदा एकादशी 2023 का महत्व
हिन्दू धर्म में कामदा एकादशी का अत्यंत महत्व है क्योंकि यह हिन्दू नव वर्ष की पहली एकादशी मानी जाती है. मान्यता है कि कामदा एकादशी के दिन भगवान विष्णु (भगवान विष्णु को क्यों कहा जाता है नारायण) की श्रद्धापूर्वक पूजा करने से और मन से प्रार्थना करने से कर कामना पूरी होती है. इसी कारण से इस एकादशी का नाम कामदा एकादशी पड़ा है. कामदा एकादशी के दिन व्रत का भी अत्यंत महत्व है.