UP Election 2022: भारतीय जनता पार्टी ने यूपी विधानसभा चुनाव-2022 की पहली लिस्ट जारी की. इस लिस्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, कैबिनेट मंत्री सुरेश कुमार खन्ना, ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा और मंत्री सुरेश राणा सहित कई नाम शामिल हैं. वहीं, अगर मेरठ विधानसभा की बात करें तो यहां के वर्तमान विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी का टिकट काट दिया गया है. उनकी जगह कमल दत्ता शर्मा को यहां से प्रत्याशी बनाया गया है.
मेरठ शहर विधानसभा से वर्तमान विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी का टिकट काटकर इस बार कमलदत्त शर्मा को बीजेपी ने प्रत्याशी बनाया है. अगर लक्ष्मीकांत वाजपेयी का राजनीतिक इतिहास देखा जाए तो काफी उतार-चढ़ाव आए. उनका जन्म 20 जुलाई 1951 को मेरठ में हुआ. वह बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष भी रहे. वह मेरठ से चार बार विधायक रह चुके हैं.
लक्ष्मीकांत वाजपेयी 1977 में जनता पार्टी युवा मोर्चा के युवा प्रकोष्ठ के अध्यक्ष बनाए गए. वे 1980 से लेकर 1987 तक बीजेपी के मेरठ जिला महासचिव रहे. 1984 से 86 तक उत्तर प्रदेश में भाजपा युवा मोर्चा के उपाध्यक्ष रहे. वह अपनी ईमानदारी और जीवन शैली के लिए जाने जाते रहे.
लक्ष्मीकांत वाजपेयी आज भी अपने शहर मेरठ में स्कूटी की सवारी करते नजर आ जाएंगे. वह राजनीतिक जीवन में कितने भी ऊंचे पद पर पहुंचे हों, लेकिन स्कूटर की सवारी नहीं छोड़ी.
मेरठ से वर्तमान विधायक लक्ष्मीकांत वाजपेयी अपने कॉलेज के दिनों में छात्र संघ महासचिव रहे थे. मेरठ कॉलेज से उन्होंने बीएससी की पढ़ाई के बाद हरिद्वार के आयुर्वेदिक कॉलेज से बीएएमएस की डिग्री हासिल की. वह राजनेता के साथ-साथ डॉक्टर और व्यवसायी भी हैं.
हाल ही में, पांच नवंबर 2021 को बीजेपी की ज्वाइनिंग कमेटी का गठन किया गया. इस कमेटी का अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी को ही बनाया गया. इस कमेटी में दोनों डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और डॉ. दिनेश शर्मा के साथ प्रदेश उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को भी सदस्य बनाया गया है. लक्ष्मीकांत वाजपेयी 2012 से लेकर 2014 तक यूपी बीजेपी के अध्यक्ष रहे.
मेरठ विधानसभा क्षेत्र के नए प्रत्याशी कमल दत्त शर्मा की बात करें वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के महानगर अध्यक्ष रह चुके हैं. अपनी हिंदूवादी छवि के कारण वह हमेशा विवादों में रहें. कमल दत्त शर्मा अपना राजनीतिक गुरु लक्ष्मीकांत वाजपेयी को ही मानते हैं. वह लक्ष्मीकांत वाजपेयी के बहुत करीबी माने जाते हैं.
रिपोर्ट- रवि गुप्ता, मेरठ