Kamika Ekadashi Parana 2023: कामिका एकादशी व्रत का पराना कैसे खोलें? जानें शुभ मुहूर्त
Kamika Ekadashi Parana 2023: कामिका एकादशी का बहुत महत्व है. कामिका एकादशी श्रावण मास के दौरान आती है और चातुर्मास में पहली एकादशी होती है. साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं और कामिका एकादशी उनमें से एक है.
Kamika Ekadashi Parana 2023: कामिका एकादशी का बहुत महत्व है. कामिका एकादशी श्रावण मास के दौरान आती है और चातुर्मास में पहली एकादशी होती है. साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं और कामिका एकादशी उनमें से एक है. भक्त अपना कामिका एकादशी व्रत सावन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी तिथि यानी 14 जुलाई 2023 को तोड़ेंगे.
Kamika Ekadashi Parana 2023: कामिका एकादशी पारण तिथि और समय
एकादशी तिथि आरंभ – 12 जुलाई 2023 – शाम 05:59 बजे
एकादशी तिथि समाप्त – 13 जुलाई 2023 – शाम 06:24 बजे
पारण का समय – 14 जुलाई 2023 – प्रातः 05:33 बजे से प्रातः 08:18 बजे तक
द्वादशी समाप्ति क्षण – 14 जुलाई 2023 – 07:17 अपराह्न
Kamika Ekadashi 2023: पारण का महत्व क्या है?
व्रत तोड़ने से संबंधित अनुष्ठान को पारण कहा जाता है. यह व्रत खोलने का सबसे शुभ समय माना जाता है. पारण का समय जानने के लिए भक्तों को हिंदू पंचांग का पालन करना चाहिए. यहां हमने द्रिक पंचांग के अनुसार पारण समय का उल्लेख किया है. पारण समय का अर्थ है द्वादशी तिथि की सुबह. यदि लोग पारण के समय के व्रत नहीं खोल पाते हैं तो उन्हें उन्हें प्रतीक्षा करनी चाहिए.
व्रत तोड़ने के लिए क्या खाना चाहिए?
भक्तों को घर का बना सात्विक भोजन करना चाहिए और व्रत पूरा करने के बाद पके हुए चावल खाना जरूरी है.
Kamika Ekadashi Parana 2023: एकादशी व्रत कैसे खोलें?
जो भक्त एकादशी के पवित्र दिन पर एकदशी व्रत का पालन करते हैं, उन्हें सुबह जल्दी उठना चाहिए, पवित्र स्नान करना चाहिए. मंदिर क्षेत्र को साफ करें और भगवान विष्णु की मूर्ति और श्री यंत्र रखें. दीया जलाएं, हल्दी या पीला चंदन का तिलक लगाएं, पीले फूलों की माला चढ़ाएं, फल और मिठाई, तुलसी पत्र और पंचामृत चढ़ाएं. विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें और ॐ नमो भगवते वासुदेवाय का जाप करें. यदि आपसे एकादशी व्रत के दौरान कोई गलती हो गई हो तो भगवान विष्णु से क्षमा मांगें.
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Kamika Ekadashi Parana 2023: मंत्र
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ॐ नमो भगवते वासुदेवाय..!!
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श्री कृष्ण गोविंद हरे मुरारी,
हे नाथ नारायणन वासुदेव..!!
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अच्युतम केशवं कृष्ण दामोदरम,
राम नारायणम जानकीवल्लभम..!!
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राम राम रामेति रमे रामे मनोरमे,
सहस्रनाम ततुल्यं राम नाम वरानने..!!