Kamika Ekadashi 2023: सावन मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को कामिका एकादशी कहते हैं. इस एकादशी पर भगवान विष्णु की पूजा का विशेष महत्व होता है. कामिका एकादशी को पवित्रा एकादशी के नाम से भी जाना जाता है. इस दिन भगवान विष्णु के उपेन्द्र स्वरुप की पूजा की जाती है. इस एकादशी के व्रत को करने से पूर्वजन्म की बाधाएं दूर होती हैं. इस पवित्र एकादशी के फल लोक और परलोक दोनों में उत्तम कहे गये हैं. क्योंकि इस व्रत को करने से हजार गौ दान के समान पुण्य प्राप्त होता है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है. आइए जानते हैं कामिका एकादशी व्रत का मुहूर्त और महत्व
कामिका एकादशी का आरंभ-12 जुलाई को शाम 5 बजकर 59 मिनट तक रहेगा.
पहला पूजा मुहूर्त-13 जुलाई-सुबह 05 बजकर 32 मिनट से सुबह 07 बजकर 16 मिनट तक होगा.
दूसरा शुभ मुहूर्त-13 जुलाई- सुबह 10 बजकर 43 मिनट से दोपहर 03 बजकर 45 मिनट तक है.
कामिका एकादशी का समापन-13 जुलाई को शाम 6 बजकर 24 मिनट पर होगा.
कामिका व्रत एकादशी का पारण समय- 14 जुलाई सुबह 5 बजकर 33 मिनट से 8 बजकर 18 मिनट तक होगा.
इस साल कामिका एकादशी 13 जुलाई, गुरुवार को पड़ रही है. गुरुवार का दिन और एकादशी तिथि श्रीहरि को अति प्रिय है. साथ ही इस दिन शूल योग बुधादित्य योग का निर्माण भी होगा. शूल योग 12 जुलाई 2023 को सुबह 09.40 से अगले दिन 13 जुलाई को सुबह 08.53 तक रहेगा. मान्यता है सावन की कामिका एकादशी पर पीली वस्तुओं से विष्णु जी की पूजा, कथा करने और दान देने से वाजपेय यज्ञ करने के समान पुण्य मिलता है
मिथुन राशि
बुध का उदय मिथुन राशि के जातकों के लिए फलदायक हो सकता है. आर्थिक क्षेत्र की परेशानियां दूर होंगी. रुके हुए काम पूरे होंगे. आत्मविश्वास भी बढ़ेगा, जिसका लाभ कामकाज में देखने को मिलेगा.
कन्या राशि के जातकों के लिए बुध का उदय होना अनुकूल रहेगा. इस अवधि में आत्मविश्वास में वृद्धि होगी. कारोबार में सुधार के मौके भी मिलेंगे. इस दौरान नौकरी चाहने वालों को अच्छे अवसर मिल सकते हैं.
बुध का उदय मकर राशि के जातकों के लिए शुभ साबित हो सकता है. पैतृक व्यवसाय में सफलता मिलने की संभावना है. दांपत्य जीवन में चल रही कड़वाहट दूर होगी. कानूनी मामलों में भी सफलता मिल सकती है.
कामिका एकादशी पर भगवान विष्णु का पूजन करना अत्यंत लाभकारी माना गया है. इस व्रत के प्रभाव से सबके बिगड़े काम बनने लगते हैं। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा से भक्तों के साथ उनके पितृों के कष्ट भी दूर हो जाते हैं। कामिका एकादशी के अवसर पर तीर्थ स्थानों पर नदी, कुंड, सरोवर में स्नान करने से अश्वमेघ यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है.
श्री विष्णुजी को यदि संतुष्ट करना हो तो उनकी पूजा तुलसी पत्र से करें| ऐसा करने से ना केवल प्रभु प्रसन्न होंगे बल्कि आपके भी सभी कष्ट दूर हो जाएंगे| कामिका एकादशी व्रत की कथा सुनना यज्ञ करने के समान है.
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