अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) अपने भीख में मिली आजादी वाले बयान को लेकर लगातार आलोचनाएं झेल रही हैं. उन्होंने एक टीवी कार्यक्रम के दौरान कहा था कि देश को असली आजादी तो 2014 में मोदी सरकार के आने के बाद मिली है. यहीं नहीं उन्होंने 1947 में मिली आजादी को भीख में मिली आजादी बता दिया था. मंगलवार को वह अपने बयान पर कायम रहीं और लोगों को सलाह दी कि वे अपने नायकों को सोच-समझकर चुनें.
मंगलवार को कंगना रनौत ने अखबार के एक पुराने आर्टिकल को शेयर करते हुए लिखा, ‘या तो आप गांधी फैन हैं या नेताजी समर्थक. आप दोनों नहीं हो सकते, चुनें और निर्णय लें.” कंगना ने अपनी इंस्टा स्टोरी पर लिखा, स्वतंत्रता सेनानियों को उन लोगों ने अंग्रेजों के हवाले कर दिया, जिनमें दमन से लड़ने की हिम्मत नहीं थी, लेकिन वे सत्ता के भूखे थे. उन्होंने महात्मा गांधी पर तंज कसते हुए कहा, “ये वही हैं जिन्होंने हमें सिखाया है, अगर कोई एक थप्पड़ मारता है तो आप एक और थप्पड़ के लिए दूसरा गाल आगे करें और इस तरह आपको आजादी मिलेगी. इस तरह से किसी को आज़ादी नहीं मिलती, ऐसे ही भीख मिल सकती है. अपने नायकों को बुद्धिमानी से चुनें. ”
कंगना ने दावा किया कि, “गांधी जी ने कभी भी भगत सिंह या सुभाष चंद्र बोस का समर्थन नहीं किया. उन्होंने कहा, “तो आपको यह चुनने की ज़रूरत है कि आप किसका समर्थन करते हैं क्योंकि उन सभी को अपनी स्मृति के एक बॉक्स में रखना और हर साल उन सभी को उनकी जयंती पर बधाई देना काफी नहीं है. बल्कि गैरजिम्मेदाराना और सतही है. उनके इतिहास और नायकों को जानना चाहिए.”
Also Read: Tiger Shroff की बहन कृष्णा ने ब्रेकअप को लेकर खोला राज, बोलीं- मेरा पहला बॉयफ्रेंड…बता दें, कंगना रनौत के इस बयान के बाद पूरा विपक्ष उनके विरोध में खड़ा है. विपक्ष उनसे पद्मश्री वापस करने की मांग कर रहा है. वहीं, विपक्ष के विरोध को देखते हुए अभिनेत्री कंगना भी अब हमलावर हो गई हैं. उन्होंने कहा है कि अगर वो गलत साबित होती हैं तो वो अपना पद्मश्री अवार्ड वापस कर देंगी.