ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर कंगना रनौत का बड़ा बयान, कहा- भगवान शिव को ढांचे की जरूरत नहीं, वह हर कण में…

देश में चल रहे वाराणसी की ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत ने अपनी राय रखी है. एक्ट्रेस ने कहा कि भगवान शिव को को ढांचे की जरूरत नहीं है, वह हर कण में है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 19, 2022 11:28 AM
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बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत अपने बेबाक अंदाज के लिए जानी जाती है. एक्ट्रेस अक्सर किसी न किसी मुद्दे पर अपनी बयानबाजी को लेकर सुर्खियों में बनी रहती हैं. हाल ही में कंगना अपनी फिल्म धाकड़ की रिलीज से पहले वाराणसी पहुंचीं. उनके साथ अर्जुन रामपाल और दिव्या दत्ता भी मौजूद रहें. इसी बीच एक्ट्रेस ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर अपनी राय रखी हैं.

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद पर बोली कंगना रनौत

कंगना ने इस मुद्दे पर कहा, “मथुरा के कण-कण में भगवान कृष्ण हैं और अयोध्या के कण-कण में भगवान राम हैं. इसी तरह काशी के कण-कण में भगवान शिव हैं. उन्हें किसी ढांचे की जरूरत नहीं है, वह कण-कण में बसते हैं.” इसके बाद उन्होंने हर-हर महादेव के उद्घोष के साथ अपनी बात को खत्म किया.

कंगना रनौत हर मुद्दे पर रखती हैं राय

कंगना रनौत अक्सर अपने इंस्टाग्राम या मीडिया इंटरव्यू के माध्यम से राष्ट्रीय और सामाजिक मुद्दों पर अपनी राय देती हैं. उन्होंने हाल ही में महेश बाबू के बॉलीवुड वाले बयान में भी अपनी राय रखी थी. उन्होंने महेश का सपोर्ट करते हुए कहा था कि “वह सही हैं, बॉलीवुड महेश बाबू को अफोर्ड नहीं कर सकता, क्योंकि मैं इस तथ्य के लिए जानती हूं कि कई फिल्म निर्माता उन्हें कई फिल्में देते हैं और उन्होंने और उनकी पीढ़ी ने अकेले ही तेलुगु फिल्म इंडस्ट्री को भारत में नंबर 1 बना दिया है. इसलिए अब, बॉलीवुड निश्चित रूप से उन्हें अफोर्ड नहीं कर सकता है.”

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ये है मामला

वाराणसी की एक अदालत ने सोमवार को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में तालाब को सील करने का आदेश दिया था, जब हिंदू याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि अदालत की ओर से अनिवार्य वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान वहां एक शिवलिंग पाया गया था. हालांकि, मस्जिद प्रबंधन समिति के एक सदस्य ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वस्तु ‘वजूखाना’ जलाशय में पानी के फव्वारे तंत्र का हिस्सा थी, जहां भक्त नमाज अदा करने से पहले स्नान करते हैं. मस्जिद वाराणसी में प्रतिष्ठित काशी विश्वनाथ मंदिर के करीब स्थित है और वहां की अदालत महिलाओं के एक समूह द्वारा इसकी बाहरी दीवारों पर मूर्तियों के सामने दैनिक प्रार्थना की अनुमति मांगने की याचिका पर सुनवाई कर रही है.

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