कानपुर देहात: दोहरे हत्याकांड मामले में 8 पुलिसकर्मी और लेखपाल निलंबित, विभागीय जांच के आदेश, जानें पूरा अपडेट
कानपुर देहात में हुए दोहरे हत्याकांड मामले में इंस्पेक्टर व दो सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित. कानपुर देहात जिलाधिकारी ने इस मामले में लेखपाल को निलंबित कर दिया है. वहीं राजस्व निरीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई का आदेश जारी किया है.
कानपुर देहात में गजनेर के शाहजहांपुर निनाया में शनिवार को हुए दोहरे हत्याकांड मामले में लापरवाही बरतने वाले इंस्पेक्टर व दो सब इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है. कानपुर देहात एसपी बीवीजीटीएस मूर्ति ने बताया कि शाहजहांपुर निनायां में दो पक्षों में विवाद की जानकारी होने के बाद भी गनजेर पुलिस द्वारा लापरवाही बरती गई. घटना वाले दिन विवाद की सूचना पर पीआरवी मौके पर गई. इसके बाद भी विवाद कर रहे लोगों पर कार्रवाई नहीं कई गई. इस लापरवाही पर थाने के प्रभारी निरीक्षक संजेश कुमार, पामा चौकी प्रभारी कौशल कुमार, यूपी 112 के उप निरीक्षक विशुन लाल, मुख्य आरक्षी कमल सोनकर, अमर सिंह, रवींद्र सिंह, नरेश प्रजापति, ब्रजेंद्र पाल को निलंबित कर दिया है. इसके साथ ही विभागीय जांच बैठाई है. कानपुर देहात जिलाधिकारी आलोक सिंह ने इस मामले में लेखपाल और राजस्व निरीक्षक पर कार्रवाई की है. उन्होंने लेखपाल सचिन गौतम को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. साथ ही राजस्व निरीक्षक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की आदेश जारी किया है.
दरअसल गजनेर थाना क्षेत्र के शाहजहांपुर निनाया निवासी सत्यनारायण (72) अपनी जमीन पर मकान निर्माण कर रहे थे. जिसके लेकर पड़ोस में रहने वाले मोहन शुक्ला से उनका उसी जमीन को लेकर विवाद चल रहा था. इस दौरान निर्माण कार्य में अवरोध पैदा करने के लिए मोहन शुक्ला ने पिकअप गाड़ी खड़ी वहीं पर खड़ी कर दी थी. सतनारायण ने जब निर्माण कार्य होने की जानकारी देते हुए पिकअप गाड़ी हटाने के लिए कहा तो दोनों पक्षों के बीच बहस होने लगी और देखते ही देखते विवाद बढ़ गया था.
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दो भाइयों की हुई थी मौत
इस दौरान मोहन शुक्ला व अन्य लोगो सत्यनारायण व उसके परिवार के साथ मारपीट करने लगे और मोहन शुक्ला और उनके साथियों ने जमकर सत्यनारायण सहित उसके परिवार को पीट दिया था. जिसमें सत्यनारायण सहित 6 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं घटना की जानकारी होते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने तत्काल सभी घायलों को इलाज के लिए जिला अस्पताल भिजवाया था. जिला अस्पताल में इलाज के दौरान गंभीर रूप से घायल सत्यनारायण व उसके भाई को कानपुर के हैलेट अस्पताल रेफर कर दिया गया था, जहां दोनों की मौत हो गई थी.