लखनऊ. पर्यावरण संरक्षण के प्रति उत्तर प्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (यूपीएमआरसी) ने सदैव अपनी प्रतिबद्धता प्रकट की है. पर्यावरण एवं ऊर्जा संरक्षण के लिए अपनी मेट्रो परियोजनाओं में विभिन्न प्रावधान भी सुनिश्चित किए हैं. इसी दिशा में एक और सकारात्मक पहल करते हुए तथा ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता के लक्ष्य की ओर बढ़ते हुए यूपीएमआरसी, कानपुर मेट्रो परियोजना के अंतर्गत सोलर प्लान्ट लगाने जा रहा है. आईआईटी से नौबस्ता के बीच तैयार हो रहे कॉरिडोर-1 के डिपो में सोलर प्लान्ट लगाने का काम शुरू हो गया है. अगस्त माह तक इसके पूरा होने की संभावना है. 1 मेगावॉट के इस प्लान्ट से सालभर में लगभग 12 लाख यूनिट तक बिजली का उत्पादन हो सकेगा.
बता दें कि सोलर प्लान्ट से जितनी भी बिजली का उत्पादन होगा, उसे स्थापित सिस्टम में वापस से फ़ीड कर दिया जाएगा. ऐसे में नियमित तौर पर आने वाले बिल में कुल इस्तेमाल की गई बिजली यूनिट से मेट्रो सिस्टम द्वारा वापस फ़ीड की गई बिजली यूनिट को घटा दिया जाएगा. कानपुर मेट्रो को शेष यूनिट के लिए बिजली बिल का भुगतान करना होगा. इस तरह से ऊर्जा एवं आर्थिक व्यय दोनों ही की बचत होगी.
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मेट्रो परियोजनाओं के विकास के आधार में पर्यावरण संरक्षण का कारक प्रमुख होता है. अन्य सार्वजनिक परिवहन के साधनों की तुलना में मेट्रो पर्यावरण की सबसे अच्छी मित्र होती है. क्योंकि मेट्रो प्रणाली जीरो कार्बन एमिशन के साथ संचालित होती है. यूपीएमआरसी ने अपनी परियोजनाओं के अंतर्गत विभिन्न माध्यम से इस कारक को और भी प्रबल बनाया है. ब्रेकिंग के माध्यम से ऊर्जा सृजित एवं संरक्षित करने के लिए मेट्रो ट्रेनों एवं लिफ़्ट्स में रीजेनरेटिव ब्रेकिंग प्रणाली का प्रयोग, मेट्रो ट्रेनों में एयर कंडीशनिंग सिस्टम को नियंत्रित करने के लिए एचवीएसी प्रणाली का प्रयोग तथा संपूर्ण मेट्रो सिस्टम में 100 प्रतिशत एलईडी लाइटिंग आदि, पर्यावरण संरक्षण के प्रति यूपीएमआरसी की प्रतिबद्धता के उत्कृष्ट उदाहरण हैं.