Kanpur : आवारा जानवरों से मुक्ति को हेल्पलाइन नंबर, लोकेशन के साथ फोटो मिलते ही नगर निगम ने पकड़े 43 बंदर

इन नंबरों पर लोग आवारा जानवरों की फोटो समेत लोकेशन भेज सकते हैं. कैटिल कैचिंग की टीम का गठन करने के साथ ही क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) बना दी गई है. वह जानवरों को पकड़ने जाएगी.

By Prabhat Khabar News Desk | November 21, 2023 9:07 PM

कानपुर. शहर के लोगों के लिए आतंक का कारण बने आवारा जानवरों से अब फोन के जरिए मुक्ति मिलेगी. कानपुर नगर निगम ने इसके लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है.व्हाट्सएप नंबर भी जारी किया गया है. इन नंबरों पर लोग आवारा जानवरों की फोटो समेत लोकेशन भेज सकते हैं. कैटिल कैचिंग की टीम का गठन करने के साथ ही क्विक रेस्पांस टीम (क्यूआरटी) बना दी गई है. वह जानवरों को पकड़ने जाएगी. बिरहाना रोड समेत मुख्य बाजारों और कुछ अन्य इलाकों से 30 सांड़ और 8 गायों को पकड़ा और वाहनों से नंदीशाला व गोशाला भेज दिया.इसके साथ ही बंदरों को पकड़ने के लिए नगर निगम ने अभियान छेड़ दिया.कुल 43 बंदरों को पिंजड़े में पकड़कर जंगल में छोड़ा गया है.इस अभियान की शुरुआत गंगा बैराज से हुई.शहर में आवारा पशुओं द्वारा हुए राहगीरों के घायल होने के बाद नगर निगम का कैटिल कैचिंग अमला हरकत में आ गया.

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ऐसे दिलाएंगे सांड़ से मुक्ति

नगर आयुक्त ने यह निर्णय लिया है कि शहर में 30 दिन तक सभी 110 वार्डों में ऐसा विशेष अभियान चलेगा जो सिर्फ सांड़ पकड़ने के लिए होगा. अभियान में 500 सांड़ पकड़ने का लक्ष्य रखा गया है. वहीं महापौर प्रमिला पांडेय के निर्देश पर यह तय हुआ कि किसी भी सूरत में शहर की सड़कों से पकड़ी गईं पालतू गायें नहीं छोड़ी जाएंगी. जो पशु मालिक दूध दूहने के बाद गायों को छोड़ रहे हैं उन्हें सबक सिखाना पड़ेगा.

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हेल्पलाइन और कंट्रोल रूम नंबर

व्हाट्सअप नंबर8429526078 व 8601811111 इस पर मैसेज भेजकर या आवारा जानवरों की फोटो मौके की व्हाट्सएप करेंट लोकेशन या जीपीएस लोकेशन भेजकर सूचित किया जा सकता है. सूचना मिलते ही टीम पहुंचेगी.वहीं कंट्रोल रूम के 0512-2526004, 2526005, 18001805159, 8429525940 इन नंबरों पर कॉल करके सांड़ के कहीं होने की जानकारी दी जा सकती है.नगर आयुक्त शिव शरणप्पा जीएन का कहना है कि आवारा जानवरों को पकड़ने का अभियान लगातार चल रहा था. राहगीरों के शिकायत के बाद सांड़ पकड़ने को विशेष अभियान शुरू हुआ है. क्यूआरटी गठित हुई है. हेल्पलाइन नंबर भी जारी कर दिया गया है.इसके साथ ही बंदरों को भी पिंजड़े में बंद कर जंगल में भेजा जा रहा है.

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