Kanpur News: कानपुर के बहुचर्चित बिकरू कांड की आरोपी खुशी दुबे की जमानत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में कल सुनवाई होनी है. सुनवाई के एक दिन पहले यूपी सरकार ने जमानत के विरोध में अपना जवाब दाखिल किया है. इसी के साथ दो अन्य ने हस्तक्षेप याचिका भी दाख़िल की है, जिनमें शहीद पुलिसकर्मियों के परिजनों की तरफ से नाबालिग खुशी दुबे को जमानत दिए जाने का विरोध दर्ज कराया गया है. सुप्रीम कोर्ट में यह केस लगभग ढेड़ महीने पहले जमानत के लिये आया था.
बिकरू कांड में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या के मामले में खुशी दुबे को भी सह अभियुक्त बनाया गया है. खुशी दुबे के साथ ही साथ चार महिलाओं पर घटना के समय पुलिस पर हमलावरों को उकसाने का आरोप लगा है. पुलिस ने खुशी दुबे और तीन महिलाओं को धारा 120 बी का आरोपी बनाया था. इस मामले में खुशी की जमानत याचिका निचली अदालत और हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है, जिसके खिलाफ खुशी के वकील विवेक तनखा, दीपक बाजपेई और शिवाकांत दीक्षित ने सुप्रीम कोर्ट में अपील की है.
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खुशी दुबे के वकील शिवाकांत दीक्षित का कहना है कि यूपी सरकार मैनिपुलेटेड हथकंडा अपना रही है, जिसके तहत कुछ ना कुछ ऐसा करती है, जिससे खुशी की जमानत ना हो सके. सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की तारीख के ठीक एक दिन पहले जवाब दाखिल किया गया. इसी के साथ दो निजी हस्तक्षेप याचिका अपील कराई गई है.
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बता दें कि बिकरू कांड में शहीद देवेंद्र मिश्रा और दूसरी सुल्तान सिंह के परिजनों ने अपील की है. बचाव पक्ष के वकील शिवाकांत का कहना है कि निचली अदालत से लेकर हाई कोर्ट तक दोनों निजी याचिकाकर्ता ने जमानत के विरोध में अपील नहीं की. अचानक सुप्रीम कोर्ट में आने से साफ जाहिर होता है, कि वो चाहते हैं कि किसी भी सूरत में नाबालिग दो दिन की दुल्हन खुशी दुबे जमानत पर न छूटे.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी