कानपुर : कैंट थाना क्षेत्र में ई रिक्शा को लेकर हुए विवाद में रिश्तेदार ने मंगलवार को एक दंपति को पेट्रोल डालकर आग लगा दी. दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई. बुधवार को पोस्टमार्टम होने के बाद शव परिजनों को सौंपे गए. परिजनों ने मुआवजा को लेकर जाजमऊ पुरानी चुंगी के पास शव रखकर रोड जाम कर दिया.एसीपी कैंट शिवाजी ने आक्रोशित स्वजन को समझाने का प्रयास किया.
कैंट थाना क्षेत्र के बदलीपुरवा में रहने वाले रामकुमार, पत्नी सपना,बेटी पायल और मानवी के साथ रहते थे.परिजनों के मुताबिक रामकुमार की बुआ का कोरोना काल में निधन हो गया था.इसके बाद उनके फूफा राम नारायण की तबीयत खराब हो गई तो राजकुमार उनकी देखभाल के लिए उनके घर पर रहने लगे था.रामनारायण ने कुछ दिनों पहले ई-रिक्शा निकलवाया था. राजकुमार उसे चलाते और अपने फूफा को 300 रुपए प्रतिदिन देते थे. बीते कुछ दिनों से दोनों लोगो के बीच में ई-रिक्शा को लेकर विवाद चल रहा था. इसी बीच मंगलवार को रामनारायण ने पेट्रोल डालकर राजकुमार को आग लगा दी थी. चीख-पुकार सुनकर उनकी पत्नी सपना ने भी बचाने का प्रयास किया तो आरोपित ने उन पर भी पेट्रोल डालकर आग लगा दी.
बता दे कि दंपत्ति को जलता देखकर उनकी बहन मोनिका ने भी बचाने का प्रयास किया तो वह भी झुलस गई थीं.आनन-फानन में पुलिस ने उन्हें उसे अस्पताल में भर्ती कराया था .देर शाम दंपत्ति की उपचार के दौरान मौत हो गई. बुधवार को शव के पोस्टमार्टम हुआ.पोस्टमार्टम के के बाद परिजन शव को लेकर घर पहुंचे.
मृतक के परिजनों और पड़ोसियों ने बच्चों की पढ़ाई और रहने के लिए 10 लाख रुपये की आर्थिक मदद की मांग को लेकर जाजमऊ पुरानी चुंगी के पास शव रखकर हंगामा कर किया. हंगामे कि सूचना और एसीपी कैंट सर्किल के फोर्स के साथ पहुच गए.एक घंटे तक बातचीत के बाद अधिकारियों ने बच्चों को आर्थिक व पढ़ाई के लिए सरकारी मदद दिलवाने के आश्वासन दिया.जिसके बाद परिजनों ने दंपती का अंतिम संस्कार कराया. एसीपी कैंट शिवाजी का कहना है कि मृतक के परिजनों ने मुआवजे की मांग को लेकर रोड जाम किया था. सरकार की तरफ से आर्थिक मदद दिलाने की बात कह कर जाम खुलवा दिया गया है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी