कानपुर पुलिस की किरकिरी: थाने में भूमाफिया के लिए प्रभारी ने छोड़ी अपनी कुर्सी, लस्सी से हुआ स्वागत
Kanpur News: भू माफिया के स्वागत के लिए इस्पेक्टर साहब ने अपनी कुर्सी तक छोड़ दी. वहीं इस्पेक्टर साहब की टेबल पर भू माफिया के स्वागत में लस्सी परोसी गई. वहीं पूरे मामले का वीडियो गुरुवार को तेजी से वायरल होने लगा.
Kanpur News: कानपुर कमिश्नरेट के चकेरी थाने के इंस्पेक्टर कक्ष का एक वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है.वायरल वीडियो में थानाध्यक्ष थाने में आए एक भू माफिया को लस्सी पिलाते नजर आ रहे हैं. साथ ही वायरल वीडियो में इंस्पेक्टर साहब भू माफिया के आने पर अपनी कुर्सी छोड़ देते है. थाने का वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस के अधिकारी मामले की जांच में जुट गए हैं. वीडियो वायरल होते ही सवाल खड़े होने शुरू हो गए कि आखिर भूमाफिया के खिलाफ पुलिस कैसे कार्रवाई कर सकती है, जिसका इंस्पेक्टर सामने कुर्सी पर बैठने की हिम्मत न जुटा पाया हो. हालांकि वायरल वीडियो की पुष्टि प्रभात खबर नही करता हैं.
क्या है पूरा मामला
कानपुर पुलिस ने पिछले दिनों भूमाफिया लिस्ट जारी की है. जिसको लेकर लगातार विवाद चल रहा है. वही बड़ा सवाल था कि चकेरी थाना क्षेत्र के रहने वाले कमल भाटिया को भू माफिया की लिस्ट में शामिल क्यों नहीं किया गया, जिसके खिलाफ सरकारी जमीन पर कब्जों के मुकदमे दर्ज हैं. वही पुलिस ने रामदास एंड कंपनी को छोड़कर वर्ष 2017 की लिस्ट के नाम ही स्थायी रूप से बनाए रखे हैं. बता दें कि भू माफिया लिस्ट जारी होने के बाद बुधवार की शाम को कमल भाटिया चकेरी थाना पहुँच गया. जहाँ पर थाना प्रभारी ने भू माफिया का सादर सम्मान के साथ स्वागत किया.
भू माफिया के स्वागत के लिए इस्पेक्टर साहब ने अपनी कुर्सी तक छोड़ दी. वहीं इस्पेक्टर साहब की टेबल पर भू माफिया के स्वागत में लस्सी परोसी गई. साथ ही वायरल वीडियो में कुछ औपचारिक बात भी हुई उसके बाद उसको आदर के साथ विदा भी किया वही पूरे मामले का वीडियो गुरुवार को तेजी से वायरल होने लगा .हालांकि वायरल वीडियो के प्रभात खबर पुष्टि नही करता है. वही संयुक्त पुलिस आयुक्त आनंद प्रकाश तिवारी जांच के आदेश दिए हैं.
इंस्पेक्टर ने दी सफाई
जब पूरे मामले में इंस्पेक्टर चकेरी मधुर मिश्रा से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कमल भाटिया केडीए के अफसरों के साथ आया था लाल बंगला में दुकानें गिराए जाने के मामले में वह केडीए से दुकान खरीदने वाले के पक्ष में आए थे. कुर्सी छोड़ने के सवाल पर बोले कि वह उस कुर्सी पर कभी बैठते ही नहीं. कुर्सी पर एसीपी या अन्य अधिकारी बैठते हैं. वह तो कुर्सी के बगल में ही बैठते हैं.
रिपोर्ट:- आयुष तिवारी