चुनाव से पहले खुलेगी 1984 दंगे की फाइल! SIT ने जांच के बाद 67 लोगों को किया चिन्हित, होगी गिरफ्तारी
kanpur sikh riots 1984: पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर शहर में भड़की हिंसा मामले में पुन: विवेचना का काम एसआईटी की टीम द्वारा की जा रही है.
यूपी में एसेंबली इलेक्शन 2022 से पहले 1984 के सिख दंगे मामले की फाइल फिर से खोली जा सकती है. बताया जा रहा है कि कानपुर में एसआईटी की टीम ने करीब 67 लोगों को चिह्नित किया है, जो दंगे के आरोपी है. एसआईटी की टीम इन लोगों को कभी भी गिरफ्तार कर सकती है. कानपुर में सिख दंगे में 127 लोगों की जान चली गई थी.
रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या के बाद कानपुर शहर में भड़की हिंसा मामले में पुन: विवेचना का काम एसआईटी की टीम द्वारा की जा रही है. बताया जा रहा है कि टीम ने 11 मामलों में अब तक 67 आरोपित को चिह्नित किया है. इन आरोपियों को कभी भी एसआईटी की टीम गिरफ्तार कर सकती है.
बता दें कि इसी साल के अगस्त महीने में एसआईटी की टीम ने दावा किया था कि एक बंद कमरे से कुछ सबूत मिले हैं. एसआईटी की टीम ने जांच के बाद बयान देते हुए कहा कि जिस कमरे में हमने तलाशी ली है, उसकी अब तक सफाई नहीं कराई गई थी. वहीं फॉरेंसिक टीम द्वारा साक्ष्य जुटाकर जांच करने की बात कही थी.
यूपी के कानपुर में हुए सिख दंगे मामले की जांच को लेकर योगी सरकार ने 2019 में एसआईटी का गठन किया था. एसआईटी की टीम को मामले की पुन: विवेचना का जिम्मा दिया गया था. कानपुर सिख दंगे मामले में करीब 40 केस दर्ज थे. बताया जा रहा है कि एसआईटी की टीम को इसमें से करीब 11 मामलों में साक्ष्य मिले है.
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