Kanpur News: बिकरू कांड के करीब 23 माह बाद अब अफसरों ने पंचायत भवन का ताला खोलकर उसमें रखा दुर्दांत अपराधी विकास दुबे के गेंहू चावल को नीलाम किया है. दरअसल बिकरु गांव के पंचायत भवन में कई दशकों से विकास दुबे का कब्जा था. पंचायत भवन में विकास अपना गल्ला (गेंहू -चावल) रखता था. बता दें कि बिकरु कांड को हुए 23 माह का समय बीत चुका है तभी से पंचायत भवन का ताला बंद है. वहीं बिकरु की प्रधान की शिकायत के बाद कार्यवाहक डीएसओ ने मौके पर जाकर अनाज की स्थिति को देखा था.
वहां पर जांच पड़ताल की है और उसके बाद डीएसओ ने रिपोर्ट तहसीलदार को सौंपी. जिसके बाद तहसीलदार बिल्हौर के नेतृत्व में चार सदस्यीय कमेटी ने आज गेंहू और चावल को नीलाम करवाया. बताते चले कि डीएम कानपुर नगर नेहा शर्मा ने बिकरू गांव प्रधान की शिकायत का संज्ञान लेकर तहसीलदार बिल्हौर लक्ष्मी नारायण वाजपेयी, विपणन निरीक्षक अमित सिंह, क्षेत्रीय खाद्य अधिकारी हेमंत कुमार और मंडी सचिव अनूप दीक्षित की टीम गठित कर बिकरू पंचायत सचिवालय में विकास दुबे के रखे 608 बोरी गेहूं और 45 बोरी चावल की खुली नीलामी की.
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तहसीलदार दिव्या भारती की जिम्मेदारी नीलामी शुरू हुई. 51 हजार रुपये से शुरू हुई बोली एक लाख 5 हजार रुपये तक रुकी. विपणन निरीक्षण अमित सिंह ने बताया कि विधिवत बोली लगाई गई, बोली लगाने वाले सभी लोगों की पूरी डिटेल लेने के साथ ही नीलामी की वीडियोग्राफी भी कराई गई है. विजय कुमार तिवारी नाम के शिवराजपुर के रहने वाले एक युवक ने सर्वाधिक एक लाख 5 हजार रुपये की बोली लगाई है.
विकास दुबे की पत्नी रिचा दुबे ने बताया कि पति की मौत के बाद भी अधिकारी उनके परिवार संग दुश्मनों जैसा व्यवहार कर रहे हैं. उन्होंने सभी अधिकारियों को कई बार पंचायत में रखे गेहूं, चावल को बेचने की गुहार लगाई, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई. और उनकी बिना अनुमति के सारा का सारा अनाज नीलाम कर दिया गया. जिसकी अर्जी वह जल्द ही न्यायालय में लगाएंगी. रिचा दुबे का आरोप है कि आज भी उनकी भू संपत्तियों पर कई लोगो का कब्जा है. कई शिकायतें थानाध्यक्ष से लेकर एसपी तक दीं, लेकिन उनकी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी