Kanpur Violence: पोस्टर में फोटो देख किशोर पहुंचा था थाने, बाल आयोग ने पुलिस से 3 दिन में मांगी रिपोर्ट
Kanpur Violence: राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा कि इसकी जांच की जाए कि क्या कानपुर में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा में असामाजिक तत्वों द्वारा बच्चों को शामिल किया गया था.
Kanpur Violence: कानपुर में 3 जून को जुमे की नमाज के बाद हुई हिंसा की जांच जारी है. पुलिस और प्रशासन उपद्रव करने वालों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है. इसी कड़ी में प्रशासन ने हिंसा में शामिल 40 संदिग्धों की तस्वीरें जारी की थी. तस्वीरों जारी होने के बाद उनमें शामिल एक नाबालिग ने सरेंडर करने थाने पहुंचा था. इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी खुब वायरल हुआ था. वहीं राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी पूरे प्रकरण का संज्ञान लिया है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश पुलिस से कहा कि इसकी जांच की जाए कि क्या कानपुर में पिछले दिनों हुई सांप्रदायिक हिंसा में असामाजिक तत्वों द्वारा बच्चों को शामिल किया गया था. एनसीपीसीआर की ओर यूपी पुलिस मुख्यालय व पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर ऐसे लोगों के खिलाफ बाल संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करने को कहा है.
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आयोग ने पुलिस से कहा कि नाबालिग लड़के को बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया जाए. एनसीपीसीआर ने कानपुर पुलिस से इस मामले में तीन दिनों के भीतर कार्रवाई रिपोर्ट भी देने को कहा है. बता दें कि बीते सोमवार को पुलिस ने आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने सीसीटीवी में दिखे 40 संदिग्ध की तस्वीरें जारी की थी. इसके बाद संदिग्ध खुद ही सरेंडर करने थाने पहुंच रहे हैं. सोमवार देर रात एक नाबालिग संदिग्ध ने सरेंडर किया. सोमवार देर रात आरोपी नाबालिग युवक ने कर्नेलगंज थाने में सरेंडर किया. पुलिस की ओर से जारी हुए पोस्टर में इसकी तस्वीर 13वें नंबर पर थी.
बता दें कि कानपुर के यतीमखाने में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद दो पक्षों के बीच पथराव हो गया था. यह दंगा पूर्व भाजपा प्रवक्ता नुपुर शर्मा के मोहम्मद साहब को लेकर दिए गए विवादित बयान को लेकर हुआ था.