Kanpur violence: पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा की टिप्प्णी के बाद यूपी के कानपुर में बवाल हुआ था. इस मामले की जांच कर रही एसआईटी के हाथ अहम सुराग हाथ लगे हैं. हिंसा के मामले में 34 आरोपी पुलिस को अब तक मिल नहीं पाए हैं. पुलिस ने पोस्टर जारी किया था, इसमें 40 आरोपियों की फोटो शामिल थी. अब तक छह की गिरफ्तारी ही हो सकी है. ऐसे में साफ है कि ये 34 पत्थरबाज बाहर से हिंसा करने आए थे और सबकुछ हो जाने के बाद वो फरार हो गए.
घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज, वीडियो रिकॉर्डिंग, मोबाइल फोन के जरिए पुलिस ने 40 आरोपियों को चिन्हित करते हुए उनकी फोटोग्राफ्स निकलवाई थी और एक पोस्टर तैयार किराया था. पोस्टर को पुलिस ने अलग अलग जगहों पर लगाया था. यह सभी पोस्टर 5 जून को लगाए गए थे. ज्वाइंट सीपी आनंद प्रकाश तिवारी के मुताबिक जो पोस्टर जारी हुआ था, उसमें कुछ आरोपी पकड़े गए हैं. ज्यादातर बाहर के बताए जा रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी के लिए 5 टीमें काम कर रही हैं. सर्विलांस सेल को भी लगाया गया है, जो अपना काम कर रही है.
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सूत्रों के मुताबिक 34 आरोपियों को लेकर 9 दिनों में बेकनगंज के लगभग 200 लोगों से पूछताछ की गई. उनमें से किसी ने भी पोस्टर के इन 40 आरोपियों की पहचान नहीं कर सका. क्षेत्रीय लोगों का कहना था कि इन्हें पहली बार देखा है, ये इस मोहल्ले के रहने वाले नहीं है.वहीं पुलिस सूत्रों का कहना है कि बेकनगंज का इस्तेमाल सिर्फ इस घटना के लिए किया गया था.लेकिन जो आरोपी है वो ज्यादातर बाहर से या दूसरे मोहल्लों से आए थें.
कानपुर हिंसा की मुख्य मास्टमाइंड हयात जफर हाशमी को पूछताछ करने के लिए पुलिस रिमांड पर लिया गया था. हयात से पूछताछ में कई बातें सामने निकल कर आई है. हयात से एसआईटी की पूछताछ में खुलासा हुआ है कि हिंसा के दिन पत्थरबाजों और बवालियों को बाहर से बुलाया गया था. पुलिस ने हयात से पूछताछ के लिए न्यायालय से 5 दिन की रिमांड और मांगी है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी