जमशेदपुर : आज तोरे करम राजा घोरे-द्वारे, कल तोरे करम राजा कांस नोदी पारे-सरीखे करम गीत व पारंपरिक वाद्य यंत्रों की थाप से आदिवासी-मूलवासी इलाका गुंजायमान हो गया है. करम राजा के आगमन को देखते हुए सीतारामडेरा, मानगो, शंकोसाई, उलीडीह, बिरसानगर, बागुनहातु, नूतनडीह, हुरलुंग, बारीडीह, भालुबासा समेत शहर की अन्य बस्तियों में त्योहार का माहौल है. शुक्रवार की शाम को जावा जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. युवतियों ने जावारानी माता की धूप-धूणा दिखाकर आदर-सत्कार व सेवा की. माता की सेवा में बस्तीवासी भी शरीक हुए. वहीं बस्ती के युवक मंडली बनाकर मांदर व नगाड़े की थाप पर नाचते-गाते हुए पास के जंगल में गये और करम राजा को निमंत्रण देकर आये. इससे पूर्व जंगल में पारंपरिक रीति-रिवाज से उनकी आराधना की गयी.
युवतियों ने किया पौधरोपण : मानगो शंकोसाई की उरांव समाज की युवतियों ने शुक्रवार को पौधरोपण किया. उन्होंने करम का पौधा लगाकर प्रकृति को बचाने का संदेश दिया. युवतियों ने करम पौधे लगाने के बाद हाथ जोड़कर ईश्वर का आह्वान करते हुए कोरोना महामारी से निजात दिलाने की प्रार्थना की. बताया कि इस कोरोना महामारी से प्रकृति ही निजात दिला सकती है. इसलिए हम सभी को मिल कर प्रकृति की आराधना करनी चाहिए.
युवक आज करम डाली लाने जायेंगे : आदिवासी-मूलवासी समाज के युवा शनिवार की दोपहर को करम राजा मान कर जंगल से करम डाली को लेकर लायेंगे. वे मांदर व नगाड़े की थाप पर नाचते-गाते हुए जायेंगे. करमा डाली लाने के बाद गांव या बस्ती के अखाड़े में उसे स्थापित करेंगे. शाम में पूरा समुदाय उसकी पूजा-अर्चना करेगा. उसके बाद एक-दूसरे का हाथ थामे मनमोहक नृत्य कर करम पूजा उत्सव का आनंद उठायेंगे. पूजा अर्चना के पश्चात गांव के पुजारी महिलाओं को राजा हरिशचंद्र की कहानी बतायेंगे.
Post by : Prirtish Sahay