जामताड़ा : सैलानियों को हैप्पी न्यू ईयर के लिए लुभा रही है करमदहा
जामताड़ा जिले को धनबाद से जोड़ने के लिए राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के समय में ही इस सदाबहार नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण हुआ है. गोविंदपुर-साहिबगंज मुख्य सड़क के करमदहा नदी घाट पर पुल का निर्माण हुआ है.
जामताड़ा : नारायणपुर के प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों में से एक करमदहा स्थित दुखहरण बाबा मंदिर ना केवल आस्था का केंद्र है. बल्कि पर्यटक और पिकनिक स्पॉट के लिए भी सीमावर्ती जिलों में काफी प्रसिद्ध है. करमदहा नदी तट सुंदर वादियों के लिए जाना जाता है. नदी में पत्थरों का सीना चीर कल-कल की ध्वनी से बहती स्वच्छ जल सबको अपनी ओर आकर्षित करती है. लोग नदी में पहुंच रहा स्नान कर बाबा दुखहरण की पूजा अर्चना करते हैं. वहीं हरे-भरे, पेड़-पौधे, घास के मैदान और नदी के मध्य और इर्द-गिर्द दूधिया चट्टान सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित करती है. प्रतिवर्ष नव वर्ष के दिन आसपास के ही नहीं सीमावर्ती जिलों के सैलानी पिकनिक मनाने करमदहा की वादियों में आते हैं.
मकर संक्रांति से जर्जर शेड में ही लगेगा 15 दिवसीय मेला
सैलानियों को यहां भरपूर आनंद की अनुभूति होती है. प्राकृतिक की गोद में बसा करमदहा पिकनिक स्पॉट सभी के मन को खूब भाता है. दूर-दूर तक फैला रेत बच्चों के उछल कूद के लिए अनुकूल स्थान बनता है. जामताड़ा जिले को धनबाद से जोड़ने के लिए राज्य के प्रथम मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी के समय में ही इस सदाबहार नदी पर उच्च स्तरीय पुल का निर्माण हुआ है. गोविंदपुर-साहिबगंज मुख्य सड़क के करमदहा नदी घाट पर पुल का निर्माण हुआ है. आवागमन में लोगों को काफी सहूलियत होती है. वहीं, मकर संक्रांति के अवसर पर करमदहा नदी तट पर 15 दिवसीय मेला का आयोजन होता है. मेला में बच्चों के खेल तमाशे के साधनों के अलावा लोहे से बनी वस्तुओं की भरपूर खरीद बिक्री होती है.
Also Read: जामताड़ा में चयनित 450 फुटपाथी दुकानदारों में 367 को मिला 49.20 लाख रुपये लोन