Kargil Vijay Diwas 2020 : कारगिल में 20 दिनों तक चीता के सहारे दुश्मनों से लड़ती रहीं कारगिल गर्ल गुंजन सक्सेना

Kargil Vijay Diwas 2020 : धनबाद (संजीव झा) : कारगिल युद्ध (Kargil war) में लगातार 20 दिनों तक चीता हेलीकॉप्टर पर सवार हो कर दुश्मनों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने पर मुझे गर्व है. इस युद्ध ने मुझे एक बेहतर फाइटर पायलट बनाया. इसके साथ ही नया आत्मविश्वास पैदा किया. यह कहना है वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट रहीं धनबाद की बहू गुंजन सक्सेना का.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 26, 2020 10:27 AM

Kargil Vijay Diwas 2020 : धनबाद (संजीव झा) : कारगिल युद्ध (Kargil war) में लगातार 20 दिनों तक चीता हेलीकॉप्टर पर सवार हो कर दुश्मनों के खिलाफ ऑपरेशन चलाने पर मुझे गर्व है. इस युद्ध ने मुझे एक बेहतर फाइटर पायलट बनाया. इसके साथ ही नया आत्मविश्वास पैदा किया. यह कहना है वायु सेना की फ्लाइट लेफ्टिनेंट रहीं धनबाद की बहू गुंजन सक्सेना का.

कारगिल दिवस के अवसर पर प्रभात खबर से बातचीत में गुंजन ने कहा कि वर्ष 1999 में जब युद्ध शुरू हुआ था. तब उनकी पोस्टिंग कश्मीर के उद्यमपुर बेस कैंप में था. अचानक आदेश आया कि उन्हें और उनकी टीम को हेलीकॉप्टर के साथ श्रीनगर शिफ्ट करना है. इसके बाद अपने सैनिकों तक हेलीकाप्टर से सामग्री पहुंचाने व रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल होने का मौका मिला.

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कई सैनिकों को द्रास व बटालिका जैसी ऊंची पहड़ियों से सुरक्षित स्थल तक पहुंचायी. कई बार पाकिस्तानी सैनिकों ने उन पर रॉकेट लांचर से हमला किया. गोलियां भी बरसायीं. एक बार उनके हेलीकॉप्टर पर मिसाइल भी दागी गयी, लेकिन मिसाइल का निशाना चूक गया था.

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अपने देश के लिए युद्ध मैदान में उतरने के आदेश से वह रोमांचित हो गयी थीं. वायु सेना में शामिल हुए मात्र तीन वर्ष हुए थे. इसके बावजूद सीनियर्स ने उनकी क्षमता पर भरोसा किया. लगातार 20 दिनों तक कारगिल युद्ध में सीधी भूमिका निभाने के अनुभव को कभी नहीं भूल सकतीं. युद्ध में काफी कुछ सीखने को मिला. जिसका लाभ आगे के कैरियर में काम आया. कई बार स्थितियां विपरीत भी हुई, लेकिन हिम्मत नहीं हारीं. साथी भी हौसला अफजाई करते रहे. उन्होंने कुल आठ वर्ष तक वायुसेना में नौकरी की.

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गुंजन सक्सेना कहती हैं कि आज के युवा चाहे जिस क्षेत्र में हों. देशभक्ति की भावना से काम करें. यह जरूरी नहीं है कि आप सेना या पुलिस में जा कर ही देश की सेवा कर सकते हैं. सेना की नौकरी में ग्लैमर व चुनौती जरूर है, लेकिन अगर कोई देश की सेवा करना चाहता है तो दूसरी भूमिका के जरिये भी कर सकता है. इसमें लिंग भेद नहीं होना चाहिए. आज के समय महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. इसलिए किशोरियां भी अपनी इच्छा से कैरियर का चयन कर सकती हैं. आप डॉक्टर, वकील, इंजीनियर या अन्य पेशा को अपना कर भी देश के विकास में अहम योगदान दे सकते हैं.

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कारगिल गर्ल के नाम से मशहूर गुंजन सक्सेना के पति अनुग्रह नारायण वायु सेना में विंग कमांडर हैं. दोनों की शादी वर्ष 2002 में हुई थी. उनके ससुर गणेश नारायण बीसीसीएल के रिटायर्ड अधिकारी हैं, जो सीडी सिंह कॉलोनी बरटांड़ में रहते हैं. गुंजन का चयन वर्ष 1996 में शार्ट सर्विस कमीशन के जरिये वायुसेना में हुआ था. उनके पिता भी फौजी रहे हैं. उनका भाई भी सेना में अधिकारी है.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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