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Karma Puja 2022: करमा पर्व आज, भाइयों की लंबी उमर के लिए बहनें करेंगी उपवास

भाई-बहनों के स्नेह का प्रतीक करम पूजा आज है. एकादशी के दिन बहनें उपवास कर संध्या में करम डाल की पूजा कर अपने भाईयों की लंबी उम्र व स्वस्थ होने का आशीष मांगेगी. इस दौरान बहनें रात जागरण कर झूमर खेलेंगी, वहीं भाई बहनों की रक्षा के लिए करमा पर्व का उपवास रखेंगे.

Karma Puja 2022: भाई-बहन के स्नेह का प्रतीक करमा पूजा आज मनाया जायेगा. सोमवार को संजोत के साथ बहनों ने करमा व्रत करने का संकल्प लिया. करमा पर्व भाद्र मास शुक्ल पक्ष चतुर्थी से प्रारंभ होता है. एकादशी के दिन बहनें उपवास कर संध्या में करम डाल की पूजा कर अपने भाईयों की लंबी उम्र व स्वस्थ होने का आशीष मांगेगी.

जावा जगाकर पूरी रात जागरण कर झूमर खेलेंगी बहनें

भाई के स्वास्थ्य और लंबी आयु के लिए बहनें रात जागरण कर झूमर खेलेंगी, वहीं भाई बहनों की रक्षा के लिए करमा पर्व का उपवास रखते हैं. उपवास वाले दिन भाई सूर्यास्त के बाद नियम से करम डाली लाकर बहनों को देता है. उसके बाद पूजा प्रारंभ होती है. अगले दिन करम डाली को प्रवाहित करने के बाद बहनें भाई को खीरा और चने का प्रसाद देकर हाथों में रक्षा सूत्र बांधती है. उसके बाद पारण करती है.

स्नेह का प्रतीक है करमा

करमा प्रकृति पर्व है. जिसमें भाई-बहन के प्रेम और स्नेह की छाप होती है. करमा में जवा डाली की पूजा की जाती है. जवा डाली में सात प्रकार का अनाज बोया जाता है. कड़े नियम का पालन किया जाता है. नियम से जवा डाल में पानी दी जाती है. सुबह शाम जवा रखनेवाले स्थान को गोबर से लिपकर वहां जावा रखकर बहनें नाचती है. एकादशी के दिन बहनें उपवास कर करम डाल की पूजा करती हैं. जवा डाली को रात्रि में जगाती हैं. करम गीत आजा रे करम गोसाई धारे द्वारे रे, काल रे करम गोसाई कांस नदी पारे गीत गाकर जागरण करती है.

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जावा नाच यात्रा निकाली गयी

इससे पूर्व वृहद झारखंड कला संस्कृति मंच की ओर से रविवार को ‘डहरें करम बेड़हा, चाला करम नाचब मांझ सहरे’ कार्यक्रम के तहत बोकारो के चास आइटीआइ मोड़ से बोकारो नया मोड़ बिरसा चौक तक विशाल करम जावा नाच यात्रा निकाली गयी. इस दौरान स्थानीय कलाकारों ने झूमर प्रस्तुत कर समां बांध दिया. रैली में मौजूद स्त्री-पुरुषों ने भी जमकर नृत्य किया. शुरुआत करम गोसाईं की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की गयी. नया मोड़ में बिरसा मुंडा की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रैली का समापन किया गया. इस दौरान करम के गीत, मांदर की थाप और नगाड़े की गूंज से पूरा शहर पर गूंज उठा.

Posted By: Samir Ranjan.

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