Jharkhand News (संजय सागर, बड़कागांव, हजारीबाग) : भाई-बहनों का त्योहार करमा एवं एकादशी पर्व की तैयारी में लोग जुट गये हैं. हजारीबाग जिला अंतर्गत बड़कागांव में करीब 5000 अखड़ों में कर्म की पूजा होगी. विवाहित बहनें अपने -अपने ससुराल से करमा पूजा करने के लिए बड़कागांव मायके पहुंचने लगी है. इनदिनों सुबह- शाम लोकगीत व करमा गीत से क्षेत्र गुंजयमान हो रहा है. विवाहित बहनें सुबह-शाम करमा गीत… यही खेल खेलेंगे नैहरा में, एकादशी करम में… रुनु-झुनू घंटियां बजे रे भइया सक्षम… गोड़ा-तोरा लागी हिइयो धरती मइया है, हमर जावा रक्षा करया है धरती मइया… आदि गीतों से क्षेत्र गूंज रहा है.
करमा पर्व एवं एकादशी करने वाले भाई-बहन संजोत के दिन नदियों में जाकर स्नान करेंगे. इसके बाद अपने -अपने करम के अखड़ों में पूजा-अर्चना करेंगे. संजोत के दिन भाई-बहनें करमा के जावा को 5 बार परिक्रमा कर जगायेंगे. करमा गीत वालों के गीत के साथ नृत्य करेंगे. वहीं, 17 सितंबर को भाई- बहन उपासना करेंगे. 7 बार जावा को जगायेंगे एवं पूजा-अर्चना करेंगे. शाम में फुल लोहरन करेंगे. यानी धान के खेतों में जाकर विभिन्न तरह के फूल व पौधों को तोड़ कर लायेंगे. खीरा, ककड़ी ,चना सहित विभिन्न तरह के फल को इकट्ठा करेंगे.
देर शाम तक अखड़ों में करम की डाली लगायी जायेगी. इसके बाद लोक कथा व लोकगीत के साथ भाई-बहनें पूजा करेंगे. पूजा के दौरान भाई-बहन एक दूसरे से पूछेंगे किसका कर्म अपना कर्म भैया का धर्म… तब एक-दूसरे से खीरा से पीठ में ठोकेंगे.
बड़कागांव के चटाईया देवल भुइयां एवं उसका पोता जितेन राम रात एक बजे डुमारो गुफा जाकर कादो का फूल तोड़ कर लायेंगे. 2 दिनों तक ढोल, मांदर व नगाड़ा के साथ झूमर नृत्य हर अखाड़ों में किये जायेंगे. इसके बाद 18 सितंबर को बड़कागांव के हर अखड़ा में वे दोनों फूल पहुंचायेंगे. सुबह में दोबारा भाई-बहन पूजा-अर्चना करेंगे. इसके बाद नदी व तालाबों में करम की डाल को विसर्जन करेंगे.
Posted By : Samir Ranjan.