Karthik Chhath Puja: कार्तिकी छठ पूजा मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, कोलकाता और पश्चिम बंगाल राज्यों में मनाए जाने वाले प्रमुख हिंदू त्योहारों में से एक है. यह एक प्राचीन त्योहार है, जो सूर्य भगवान को समर्पित है. चूंकि कार्तिक मास में शुक्ल षष्ठी को यह पर्व मनाया जाता है, इसलिए इसे कार्तिकी छठ कहा जाता है. यह ग्रेगोरियन अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर के महीने में पड़ता है. कार्तिक मास के दिन सुहावने होने के कारण यह उत्सव बड़ी धूमधाम और उल्लास के साथ मनाया जाता है.
लोक आस्था का चार दिवसीय महापर्व छठ 28 अक्टूबर को नहाय-खाय के साथ शुरू होगा. 29 अक्टूबर को खरना है. डूबते सूर्य को 30 अक्टूबर को व उगते सूर्य को 31 अक्तूबर को अर्घ्य दिया जायेगा. इसके साथ ही सूर्योपासना का पर्व संपन्न हो जायेगा. इसे लेकर सभी छठ घाटों की साफ-सफाई शुरू हो गयी है. घाट पर उगे घास को काटने, मकड़ी का जाला हटाने व वहां फूल-पौधे लगाने के दौरान छठ घाटों पर गीत गूंज रहे हैं.
हिंदू पंचांग के अनुसार, छठ हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी यानी छठी तिथि पर मनाया जाता है. यह हमेशा दीपावली के 6 दिन बाद पड़ता है जो नहाय खाय के साथ प्रारंभ होता है.
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हिंदू धर्म में सबसे कठिन व्रतों में से एक छठ को लेकर मान्यता है कि छठी मइया का व्रत रखने वाले और विधि-विधान से पूजा करने वाले दम्पति को संतान सुख की प्राप्ति होती है और परिवार में सुख समृद्धि आती है. सूर्य देव और उनकी बहन छठी मइया को इस महापर्व समर्पित होता है.
छठ महापर्व में पहले दिन नहाय खाय- 28 अक्टूबर 2022
दूसरे दिन खरना- 29 अक्टूबर 2022
तीसरे दिन शाम का अर्घ्य- 30 अक्टूबर 2022
चौथ दिन सुबह का अर्घ्य और पारण- 31 अक्टूबर 2022