Kartik Maas 2023: कार्तिक मास शुरू, जानें इस महीने का महत्व, स्नान करने के नियम और पूजा विधि
Kartik Maas 2023: आश्विन शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि के समापन के साथ ही कार्तिक मास का शुभारंभ भी हो चुका है. यह हिंदू कैलेंडर का आठवां महीना है. कार्तिक माह देव दिवाली तक 27 नवम्बर तक होगा. कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
Kartik Maas 2023: शरद पूर्णिमा के बाद से कार्तिक का महीना लग गया है. सभी माह में कार्तिक माह को सर्वश्रेष्ठ माह माना गया है. यह माह पाप का नाश करते व्यक्ति के सभी संकट दूर कर देता है और धन, सुख, समृद्धि, शांति एवं निरोग प्रदान करता है. कार्तिक माह देव दिवाली तक 27 नवम्बर तक होगा. कार्तिक माह में गोविंददेवजी के मंगला झांकी का समय 15 मिनट के बजाय अब एक घंटे तक होंगे. वहीं मंगला झांकी भी अब आधे घंटे पहले खुलेंगी.
कार्तिक माह का महत्व
शास्त्र के अनुसार, इस माह में भगवान श्री हरि जल में निवास करते हैं. कार्तिक मास में गंगा स्नान, दान, हवन और यज्ञ करने से पापों का नाश होता है. इन दिनों पूजा-पाठ करने से स्वर्ग की प्राप्ति होती है. कार्तिक मास में व्रत करने से अग्निष्टोम यज्ञ के समान फल की प्राप्ति होती है। इस महीने में की गई पूजा से सूर्यलोक की प्राप्ति होती है. कार्तिक पूर्णिमा पर पूजा-अर्चना करने से सभी इच्छाएं पूरी होती हैं.
ब्रह्म मुहूर्त में स्नान
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक मास में ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना अति उत्तम माना जाता है. कहते हैं कि इस महीने किसी पवित्र नदी या घर में ही गंगाजल मिलाकर स्नान करना चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
स्नान के लिए मंत्र
आपस्त्वमसि देवेश ज्योतिषां पतिरेव च।
पापं नाशाय मे देव वामन: कर्मभि: कृतम।
यह बोल कर जल की ओर
दु:खदरिद्रयनाषाय श्रीविश्णोस्तोशणाय च।
प्रात:स्नान करोम्यद्य माघे पापविनाषनम।।
कहकर ईश्वर की प्रार्थना करनी चाहिए.
स्नान खत्म करने के बाद यह मंत्र उच्चारण लाभकारी
सवित्रे प्रसवित्रे च परं धाम जले मम।
त्वत्तेजसा परिभ्रश्टं पापं यातु सहस्त्रधा।।
कार्तिक मास में इन बातों का रखें ध्यान
पौराणिक ग्रंथों में कार्तिक मास (kartik Month) को उत्तम महीना भा माना जाता है. इस महीने में कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. इस दौरान खानपान से लेकर दैनिक दिनचर्या पर विशेष जोर दिया गया है. इस महीने के दौरान पेड़ काटने, बाल काटने और फूल और फल तोड़ने जैसी गतिविधियों से इनकार किया जाता है. इसी प्रकार इस महीने में पशु हत्या भी निषिद्ध है और मांसाहारी भोजन (non-vegetarian food) करना भी पाप माना जाता है. ऐसे में ये बातें कुछ लोगों को अजीब भी लगता है, लेकिन इसके कई कारण हैं.
मांस-मछली को इसलिए मना किया जाता है
दूसरी ओर मांस-मछली (meat and fish) खाने से इनकार किया जाता है क्योंकि इस महीने में भेड़, बकरी और मुर्गी प्रजनन की प्रक्रिया में होती हैं. यदि इन जानवरों और पक्षियों का मांस उनके प्रजनन काल में खाया जाता है, तो मानव शरीर में कई बीमारियां फैलने का डर होता है.
वैज्ञानिक कारण
मांस-मछली (meat and fish) नहीं खाने के वैज्ञानिक कारण भी है. यह वह समय है जब बारिश का मौसम आ रहा है और सर्दी बस शुरू हो रही है, और अब यह है कि मछलियां आमतौर पर चिकनपॉक्स (chickenpox) से पीड़ित होती हैं.
कार्तिक अमावस्या पर दीप जलाने का महत्व
कार्तिक अमावस्या पर दिवाली की रात दीये जलाने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्री राम वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे और इसी खुशी में अयोध्या वासियों ने घर-घर दीपक जलाकर खुशियां मनाई थीं. हालांकि दिवाली के दिन दीये जलाने को लेकर एक और मान्यता है. कहा जाता है कि पितृ पक्ष में जब पितृगण धरती पर आते हैं तो उन्हें पुनः पितृ लोक पहुंचने में परेशानी न हो, इसलिये दीयों से प्रकाश किया जाता है. हालांकि इस प्रथा का प्रचलन विशेष रूप से बंगाल में है.
कार्तिक मास 2023 प्रमुख व्रत-त्योहार सूची
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01 नवंबर 2023, बुधवार- करवा चौथ, वक्रतुंड संकष्टी चतुर्थी
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09 नवंबर 2023, गुरुवार- रमा एकादशी
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10 नवंबर 2023, शुक्रवार- धनतेरस
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12 नवंबर 2023, रविवार- दिवाली
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13 नवंबर 2023, सोमवार- गोवर्धन पूजा
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14 नवंबर 2023, मंगलवार- भैया दूज
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17 नवंबर से 20 नवंबर- छठ पूजा त्योहार
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23 नवंबर 2023, गुरुवार- देवउत्थान एकादशी
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24 नवंबर 2023, शुक्रवार- तुलसी विवाह