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Kartik Month 2021: कल से शुरू होगा कार्तिक का पवित्र महीना, मनाए जाएंगे हैं ये त्योहार

इस वर्ष 19 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार था, जिसके बाद 21 अक्टूबर 2021 से कार्तिक मास आरंभ हो जाएगा. कहते हैं कि कार्तिक महीने में किसी पवित्र नदी यमुना नदी में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करना बहुत लाभकारी होता है. इस स्नान का बहुत अधिक महत्व हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2021 2:58 PM

हिंदी पंचांग में पूर्णिमा तिथि के अनुसार माह की तारीख बदलती है. जिसके अनुसार कार्तिक माह हिंदी वर्ष का आठवां महीना है. इस वर्ष 19 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का त्योहार था, जिसके बाद 21 अक्टूबर 2021 से कार्तिक मास आरंभ हो जाएगा. राजस्थान में अजमेर के तीर्थराज पुष्कर में आज (20 अक्टूबर) शरद पूर्णिमा से एक माह का कार्तिक स्नान शुरू हो गया है. मंदिरों की नगरी पुष्कर में श्रद्धालु बहुत ही श्रद्धा और आस्था के साथ पवित्र सरोवर में शरद पूर्णिमा से कार्तिक स्नान शुरू करेंगे जो आगे अगले माह 19 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा के महास्नान के साथ संपन्न होगा.

ब्रह्म मुहूर्त में ही करें स्नान

कहते हैं कि कार्तिक महीने में किसी पवित्र नदी यमुना नदी में ब्रह्ममुहूर्त में स्नान करना बहुत लाभकारी होता है. इस स्नान का बहुत अधिक महत्व हैं. इस पुण्यदायी मास में महिलाएं सुबह जल्दी उठकर स्नान करती हैं. कहते हैं कि यह स्नान कुंवारी या शादीशुदा महिलाएं दोनों ही कर सकती हैं. ये दोनों के लिए विशेष शुभ माना जाता है. ग्रंथों में कहा गया है कि अगर आप नदी के जल में स्नान करने में असमर्थ हैं तो नहाने के पानी में किसी पवित्र नदी का जल मिलाकर भी स्नान किया जा सकता है.

कार्तिक मास में जरूर करें तुलसी पूजन

सनातन परंपरा में तुलसी के पौधे को बहुत पवित्र माना गया है. जिसकी पूजा वैसे तो हम सभी पूरे साल करते हैं, लेकिन कार्तिक मास में इसकी आराधना का विशेष महत्व है. आयुर्वेद में तुलसी को रोगहर कहा गया है और दूसरी ओर यह तुलसी यमदूतों के भय से मुक्ति प्रदान करती है. कार्तिक मास में एक मास तक तुलसी के सामने दीपदान करने पर अत्यधिक पुण्य की प्राप्ति होती है.

कार्तिक माह के व्रत एवं त्योहार

माह के विशेष दिन

  • 21 अक्टूबर- कार्तिक माह प्रारंभ, मंगल तुला में, सर्वार्थसिद्धि प्रात: 6.30 से

  • 24 अक्टूबर- करवा चतुर्थी, चंद्रोदय रात्रि 8.27 पर

  • 28 अक्टूबर- कालाष्टमी, अहोई अष्टमी

  • 30 अक्टूबर- शुक्र धनु में सायं 4.11 से

  • 1 नवंबर- रमा एकादशी, गोवत्स द्वादशी

  • 2 नवंबर- प्रदोष व्रत, धनतेरस, बुध तुला में प्रात: 9.50 से

  • 4 नवंबर- प्रात: अभ्यंग स्नान, सायंकाल दीपावली, महालक्ष्मी पूजा

  • 5 नवंबर- गोवर्धन पूजा, अन्नकूट पूजा

  • 6 नवंबर- भाई दूज, यम द्वितीया, विश्वकर्मा पूजा

  • 8 नवंबर- विनायक चतुर्थी

  • 9 नवंबर- पांडव पंचमी, सौभाग्य पंचमी

  • 10 नवंबर- छठ पूजा

  • 11 नवंबर- गोपाष्टमी

  • 12 नवंबर- अक्षय नवमी, आंवला नवमी

  • 14 नवंबर- देव प्रबोधिनी एकादशी स्मार्त

  • 15 नवंबर- तुलसी विवाह वैष्णव

  • 16 नवंबर- भौम प्रदोष व्रत, सूर्य वृश्चिक में

  • 17 नवंबर- बैकुंठ चतुर्दशी

  • 18 नवंबर- त्रिपुरोतसव, सत्यनारायण व्रत

  • 19 नवंबर- कार्तिक पूर्णिमा, गुरुनानक जयंती, देव दीपावली, कार्तिक स्नान पूर्ण

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