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Kartik Purnima 2020 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings: कार्तिक पूर्णिमा में स्नान का है विशेष महत्व, जाने पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

Kartik Purnima 2020 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings, Samagri, Mantra in Hindi: हिन्दू शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बहुत बड़ा महत्व माना गया है. इस बार कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार (30 नवंबर 2020 ) को अगर भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान के साथ मनाया जाएगा. धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान और दान करने से पुण्य प्राप्त होता है. शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा पर किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान, दान-पुण्य के कार्य और दीपदान अवश्य करना चाहिए. ज्योतिष शास्त्र में, कार्तिक पूर्णिमा पर राशि के अनुसार, दान करने से कुंडली में ग्रहों की स्थिति अनुकूल होती है. जाने पूजा की विधि और शुभ मुहूर्त

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कल 12 बजकर 47 मिनट से शुरू हुआ था कार्तिक पूर्णिमा

कल 12 बजकर 47 मिनट से शुरू हुआ कार्तिक पूर्णिमा आज दोपहर 2 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. कल देव दिवाली भी शाम को मनाई गयी

कब मनाई जाती हैं कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है. इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था. एक अन्य मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं.

कार्तिक पूर्णिमा व्रत की पूजन विधि

पूर्णिमा के दिन सुबह किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. स्नान के बाद राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है और भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्टों दूर होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करने वाले अगर बैल का दान करें तो उन्हें शिव पद प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वालों को इस दिन हवन जरूर करना चाहिए और किसी जरुरतमंद को भोजन कराना चाहिए.

कार्तिक पूर्णिमा का महत्व

कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करना दस यज्ञों के समान पुण्यकारी माना जाता है. शास्त्रों में इसे महापुनीत पर्व कहा गया है. कृतिका नक्षत्र पड़ जाने पर इसे महाकार्तिकी कहते हैं. कार्तिक पूर्णिमा अगर भरणी और रोहिणी नक्षत्र में होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है.

आज दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर लगी पूर्णिमा तिथि

कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज 29 नवंबर के दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से हो रहा है, जो 30 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. ऐसे में देव दीपावली 29 नवंबर दिन रविवार यानि आज शाम को मनाई जाएगी. आज देव दीपावली की पूजा के लिए शाम का समय श्रेष्ठ है. आज शाम में 5 बजकर 13 मिनट से शाम 07 बजकर 54 मिनट के बीच देव दीपावली की पूजा संपन्न करना उत्तम रहेगा.

आज देवी-देवता काशी में आते है दिवाली मनाने

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन स्वर्ग से सभी देवी-देवता पृथ्वी पर काशी में दिवाली मनाने आते हैं. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. धर्म शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का विशेष महत्व है.

इस तरह मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा

कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार (30 नवंबर 2020 को) को अगर भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान के साथ मनाया जाएगा. सोमवार को सुबह पूर्णिमा तिथि को रोहणी नक्षत्र होने से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है. पू्र्णिमा तिथि तो रविवार को दोपहर 12:30 के बाद शुरू हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि सोमवार को होने के करण ग्रहस्थ लोग सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मनाएंगे.

कार्तिक पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त

कार्तिक पूर्णिमा आज 29 नवंबर को मनाई जा रही है. कार्तिक पूर्णिमा दोपहर 12:47 बजे से लग जाएगी और 30 नवंबर को दोपहर 2:59 बजे इसका समापन होगा.

कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान का है विशेष महत्व

शास्त्रों की मानें तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान करने से व्यक्ति को कई गुना लाभ प्राप्त होता है. कहा जाता है कि इस दिन किसी पवित्र नदी अथवा जलकुंड में स्नान जरूर करना चाहिए.

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