Kartik Purnima 2020 Date, Puja Vidhi, Muhurat : आज है कार्तिक पूर्णिमा, यहां जानें स्नान- दान करने का शुभ मुहूर्त और पूजन विधि…
Kartik Purnima 2020 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings, snan ka samay, Samagri, Mantra in Hindi: आज कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है. वहीं आज शाम को ही देव दीपावली मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से ही हो चुकी है. कार्तिक पूर्णिमा उदया तिथि में मनाई जाएगी. वहीं दीपदान शाम में किया जाता है, इसलिए देव दीपावली आज शाम में मनाई जाएगी. विद्वानों का मानना है कि कार्तिक मास परम पावन होता है. इस महीने में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुना फल मिलने की मान्यता है. कार्तिक पूर्णिमा हर साल अक्तूबर-नवंबर के महीने में मनाई जाती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर दिन सोमवार यानि आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसी दिन देव दीपावली भी मनाया जाता है. हिंदू धर्म में कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना की जानी चाहिए. आइए जानते है कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली से जुड़ी पूरी डिटेल्स...
मुख्य बातें
Kartik Purnima 2020 Date Kab Hai, Puja Vidhi, Shubh Muhurat Timings, snan ka samay, Samagri, Mantra in Hindi: आज कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है. वहीं आज शाम को ही देव दीपावली मनाई जाएगी. पूर्णिमा तिथि की शुरुआत रविवार की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से ही हो चुकी है. कार्तिक पूर्णिमा उदया तिथि में मनाई जाएगी. वहीं दीपदान शाम में किया जाता है, इसलिए देव दीपावली आज शाम में मनाई जाएगी. विद्वानों का मानना है कि कार्तिक मास परम पावन होता है. इस महीने में किए गए पुण्य कर्मों का अनन्त गुना फल मिलने की मान्यता है. कार्तिक पूर्णिमा हर साल अक्तूबर-नवंबर के महीने में मनाई जाती है. इस साल कार्तिक पूर्णिमा 30 नवंबर दिन सोमवार यानि आज पूरे देश में मनाया जा रहा है. इसी दिन देव दीपावली भी मनाया जाता है. हिंदू धर्म में कार्तिक माह की पूर्णिमा तिथि का विशेष महत्व है. ऐसी मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन भगवान विष्णु और भगवान शंकर की आराधना की जानी चाहिए. आइए जानते है कार्तिक पूर्णिमा और देव दीपावली से जुड़ी पूरी डिटेल्स…
लाइव अपडेट
कार्तिक पूर्णिमा स्नान पर्व का महत्त्व
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करने से दस यज्ञों के समान पुण्य की प्राप्ति होत्ती है. शास्त्रों में इसे महापुनीत पर्व कहा गया है. कृतिका नक्षत्र पड़ जाने पर इसे महाकार्तिकी कहते हैं. कार्तिक पूर्णिमा अगर भरणी और रोहिणी नक्षत्र में होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है.
वाराणसी के राज घाट पर स्नान करते श्रद्धालु
झारखंड के पवित्र नदी में डूबकी लगाते श्रद्धालु
प्रयागराज में कार्तिक पूर्णिमा' पर आज गंगा नदी में प्रार्थना करने और पवित्र डुबकी लगाने के लिए भक्त त्रिवेणी संगम पर एकत्रित कर रहे है स्नान और दान
Prayagraj: Devotees gather at Triveni Sangam to offer prayers and take holy dip in river Ganga on 'Kartik Purnima' today. pic.twitter.com/nt30NtpxfA
— ANI UP (@ANINewsUP) November 30, 2020
कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर अयोध्या में सरयू नदी के तट पर राम की पैड़ी में 51,000 मिट्टी के दीपक प्रज्वलित किए गए
Ayodhya: 51,000 earthen lamps illuminated at Ram Ki Paidi on the banks of river Saryu as devotees celebrate Kartik Purnima
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
"I'm very happy to be part of this event. I'm fasting and praying to Lord Rama on this occasion," says a devotee pic.twitter.com/sT8PZYJuAJ
कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी शहर के चेत सिंह घाट पर आयोजित लेजर शो
Varanasi: Laser show held at Chet Singh Ghat of the city on the occasion of Kartik Purnima pic.twitter.com/5T68KymXhL
— ANI UP (@ANINewsUP) November 29, 2020
कार्तिक पूर्णिमा के दिन कार्तिक पूर्णिमा पर वाराणसी शहर के चेत सिंह घाट पर आयोजित लेजर शोस्नान-दान का है विशेष महत्व
आज कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि है. इस दिन का हिन्दू धर्म में विशेष महत्व है. इस दिन किसी भी पवित्र नदी में स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप धूल जाते हैं. मान्यता है कि इस दिन देवता अपनी दिवाली कार्तिक पूर्णिमा की रात को ही मनाते हैं. इसलिए, यह सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन स्नान और दान को अधिक महत्व दिया जाता है
कार्तिक पूर्णिमा की पूजा विधि
शाम के समय लक्ष्मी नारायण जी की आरती करने के बाद तुलसी जी की आरती करें और साथ ही दीपदान भी करें. घर की चौखट पर दीपक जलाएं. कोशिश करें कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन किसी ब्राह्मण, गरीब या जरूरतमंद को भोजन करवाएं.
कार्तिक पूर्णिमा के मंत्र Kartik Purnima Mantra
ॐ सों सोमाय नम:।
ॐ विष्णवे नमः।
ॐ कार्तिकेय नमः।
ॐ वृंदाय नमः।
ॐ केशवाय नमः।
क्यों करनी चाहिए तुलसी पूजा
शास्त्रों में तुलसी के पौधे को लक्ष्मी (Goddess Lakshmi) का रूप बताया गया है यानी जहां पर तुलसी होती है वहां पर मां लक्ष्मी का वास होता है. यह एक अद्भुत औषधीय पौधा (Medicinal Plant) है. तुलसी का पौधा घर में लगाने से नेगेटिव एनर्जी (Negative Energy) खत्म होती है और पॉजिटिव एनर्जी बढ़ती है. तुलसी का पौधा घर में आने वाली विपत्ति को रोकने के साथ-साथ रोगों के नाश के लिए भी एक अच्छा उपाय है. साथ ही यह परिवार की आर्थिक स्थिति के लिए भी शुभ होती है. तुलसी का पौधा घर में होने से मन को शांति और प्रसन्नता मिलती है.
इन जगहों पर दिखाई देगा चंद्रग्रहण
यह खगोलीय घटना दोपहर एक बजकर चार मिनट से शुरू होकर शाम पांच बजकर 22 मिनट तक होगी. यह कुल चार घंटे 18 मिनट 11 सेकंड तक रहेगा, जबकि, 3:13 मिनट पर यह अपने चरम पर होगा. इस बार का चंद्रग्रहण भारत सहित अमेरिका, प्रशांत महासागर, एशिया और आस्ट्रेलिया में भी दिखाई देगा.
देव दीपावली का महत्व
घर अपने अपने पितरों के नाम पर दीपक रखें. परिवार की आर्थिक तंगी दूर करने के लिए पितरों को खुश करना बेहद जरूरी माना जाता है. देव दीपावली को पितर देवताओं को दीप दान करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
इस तरह मनाई जाएगी कार्तिक पूर्णिमा
कार्तिक पूर्णिमा का पर्व सोमवार (30 नवंबर 2020 को) को अगर भरण और रोहिणी नक्षत्र में स्नान-दान के साथ मनाया जाएगा. सोमवार को सुबह पूर्णिमा तिथि को रोहणी नक्षत्र होने से इस पर्व का महत्व और भी बढ़ गया है. पू्र्णिमा तिथि तो रविवार को दोपहर 12:30 के बाद शुरू हो जाएगी, लेकिन उदया तिथि सोमवार को होने के करण ग्रहस्थ लोग सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा मनाएंगे.
गंगा स्नान से मिलेगा मोक्ष का मार्ग
मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा को दीप जलाने से भगवान विष्णु की खास कृपा मिलती है. इस कारण श्रद्धालु विष्णुजी को ध्यान करते हुए मंदिर, पीपल के पेड़, नदी किनारे, मंदिरों में दीप जलाते है.
ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को भोजन अवश्य कराएं
इस दिन दान करना अत्यंत शुभ माना जाता है. किसी ब्राह्मण या निर्धन व्यक्ति को भोजन कराएं और यथाशक्ति दान और भेंट देकर विदा करें.
कार्तिक पूर्णिमा की शुभ मुहूर्त
कार्तिक पूर्णिमा की शुरुआत 12 नवंबर 2019 से होगी.
पूर्णिमा तिथि की शुरुआत 11 नवंबर 2019 को शाम 06 बजकर 02 मिनट से ही हो जाएगी.
पूर्णिमा तिथि का समापन 12 नवंबर 2019 को शाम 07 बजकर 04 मिनट पर होगा.
स्नान का है विशेष महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन सूर्योदय से पहले उठकर पवित्र नदी में स्नान करें. मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है. अगर पवित्र नदी में स्नान करना संभव नहीं तो घर पर ही नहाने के पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान करें.
आज देवी-देवता काशी में आते है दिवाली मनाने
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, देव दिवाली के दिन स्वर्ग से सभी देवी-देवता पृथ्वी पर काशी में दिवाली मनाने आते हैं. हर साल कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली मनाई जाती है. धर्म शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव दिवाली का विशेष महत्व है.
कार्तिक पूर्णिमा पर दीपावली मनाने काशी आते हैं देवी-देवता
देव दीपावली हर वर्ष काशी में मनाए जाने की परंपरा है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सभी देवता बनारस के घाटों पर दिवाली मनाने आते हैं.
आज दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर लग जाएगी पूर्णिमा तिथि
कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ आज 29 नवंबर के दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से हो रहा है, जो 30 नवंबर दिन सोमवार को दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक रहेगा. ऐसे में देव दीपावली 29 नवंबर दिन रविवार यानि आज शाम को मनाई जाएगी. आज देव दीपावली की पूजा के लिए शाम का समय श्रेष्ठ है. आज शाम में 5 बजकर 13 मिनट से शाम 07 बजकर 54 मिनट के बीच देव दीपावली की पूजा संपन्न करना उत्तम रहेगा.
कार्तिक पूर्णिमा की तिथि
पूर्णिमा तिथि आरंभ 29 नवंबर दिन रविवार की दोपहर 12 बजकर 47 मिनट पर
पूर्णिमा तिथि समाप्त 30 नवंबर दिन सोमवार की दोपहर 02 बजकर 59 मिनट तक
कार्तिक पूर्णिमा व्रत की पूजन विधि
पूर्णिमा के दिन सुबह किसी पवित्र नदी, सरोवर या कुंड में स्नान करना बहुत शुभ माना जाता है. स्नान के बाद राधा-कृष्ण का पूजन और दीपदान करना चाहिए. मान्यता है कि इस दिन गाय, हाथी, घोड़ा, रथ और घी का दान करने से संपत्ति बढ़ती है और भेड़ का दान करने से ग्रहयोग के कष्टों दूर होते हैं. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत करने वाले अगर बैल का दान करें तो उन्हें शिव पद प्राप्त होता है. कार्तिक पूर्णिमा का व्रत रखने वालों को इस दिन हवन जरूर करना चाहिए और किसी जरुरतमंद को भोजन कराना चाहिए.
Kartik Purnima 2020: आज दोपहर से पूर्णिमा तिथि हो जाएगी शुरू, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा और इससे जुड़ी पूरी जानकारी...
कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष में आने वाली पूर्णिमा कार्तिक पूर्णिमा कहलाती है. इसी दिन देव दीपावली मनाई जाती है. इस दिन गंगा स्नान, दीपदान, यज्ञ और ईश्वर की उपासना की जाती है. इस दिन किए जाने वाले दान-पुण्य समेत कई धार्मिक कार्य विशेष फलदायी होते हैं. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा की संध्या पर भगवान विष्णु का मत्स्यावतार हुआ था. एक अन्य मान्यता के अनुसार कार्तिक पूर्णिमा के दिन महादेव ने त्रिपुरासुर नाम के राक्षस का वध किया था, इसलिए इसे त्रिपुरी पूर्णिमा भी कहते हैं.
कार्तिक पूर्णिमा का महत्व
कार्तिक पूर्णिमा के दिन गंगा स्नान और दान करना दस यज्ञों के समान पुण्यकारी माना जाता है. शास्त्रों में इसे महापुनीत पर्व कहा गया है. कृतिका नक्षत्र पड़ जाने पर इसे महाकार्तिकी कहते हैं. कार्तिक पूर्णिमा अगर भरणी और रोहिणी नक्षत्र में होने से इसका महत्व और बढ़ जाता है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही देव दीपावली भी मनाई जाती है.
Kartik Purnima 2020: आज दोपहर से पूर्णिमा तिथि हो जाएगी शुरू, जानें सही तिथि, शुभ मुहूर्त, कथा और इससे जुड़ी पूरी जानकारी...
News posted by : Radheshyam kushwaha