Kartik Purnima 2020 : सरायकेला में सैकड़ों लोगों ने लगायी आस्था की डुबकी, मंदिरों में पहुंचे श्रद्धालु
Kartik Purnima 2020 : पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सोमवार (30 नवंबर, 2020) को सरायकेला- खरसावां में कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया. पवित्र कार्तिक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सूर्योदय से पूर्व नदी एवं तालाब में आस्था की डुबकी लगायी. पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा- अर्चना किये. खास कर श्रीकृष्ण मंदिर, महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर, हरि मंदिर, शिव मंदिरों में भक्तों का समागम देखा गया. हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी रहा. श्रद्धालु सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर पूजा- अर्चना करते दिखे.
Kartik Purnima 2020 : सरायकेला (शचिंद्र कुमार दाश) : पवित्र कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर सोमवार (30 नवंबर, 2020) को सरायकेला- खरसावां में कई धार्मिक अनुष्ठानों का आयोजन किया गया. पवित्र कार्तिक माह के अंतिम दिन पूर्णिमा के ब्रह्म मुहूर्त पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने सूर्योदय से पूर्व नदी एवं तालाब में आस्था की डुबकी लगायी. पवित्र स्नान कर मंदिरों में पूजा- अर्चना किये. खास कर श्रीकृष्ण मंदिर, महाप्रभु जगन्नाथ मंदिर, हरि मंदिर, शिव मंदिरों में भक्तों का समागम देखा गया. हरिभंजा के जगन्नाथ मंदिर में दिनभर श्रद्धालुओं का पहुंचना जारी रहा. श्रद्धालु सोशल डिस्टैंसिंग का पालन कर पूजा- अर्चना करते दिखे.
प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र एवं देवी सुभद्रा का मौके पर विशेष शृंगार किया गया था. कई घरों में भगवान सत्यनारायण की व्रत कथा का भी आयोजन किया गया. उल्लेखनीय है कि हिंदू धर्म शास्त्र में कार्तिक माह को काफी पवित्र माह माना जाता है. कहा जाता है कि इस माह को पुण्य कार्य करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. मान्यता है कि कार्तिक पूर्णिमा पर हर धार्मिक अनुष्ठान ईश्वर को स्वीकार होता है. मौके पर कई स्थानों में सत्यनारायण व्रत कथा का भी आयोजन किया. श्रद्धालुओं में प्रसाद का वितरण किया गया.
खरसावां के फॉरेस्ट कॉलोनी स्थित शिव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना का आयोजन किया गया. मौके पर पुरोहित पाठक बाबा ने भगवान शिव का रुद्राभिषेक, दुग्धाभिषेक एवं जलाभिषेक किया. मौके पर वन क्षेत्र पदाधिकारी अपर्णा चंद्रा, प्रमोद कुमार, वनपाल लोदरा हेस्सा आदि उपस्थित थे. इसके बाद लोगों में प्रसाद का वितरण किया गया. मौके पर शिव मंदिर को काफी भव्य तरीके से सजाया गया था.
कार्तिक पूर्णिमा को सरायकेला- खरसावां में ओड़िया समुदाय के लोगों ने बोईतो बंदाण के रूप में मनाया. सोमवार को सूर्योदय पूर्व ब्रह्म मुहूर्त में नदी- सरोवर में कार्तिक स्नान किया गया. इसके बाद सदियों पुरानी उत्कलिय परंपरा के अनुसार केला के पेड़ के छिलके से तैयार किये गये नाव को नदी में छोडा गया. लोगों ने कागज एवं थार्मकोल से तैयार किये गये नाव को भी पानी में छोड़ा. नावों को रंग-बिरंगी फूलों से भी सजाया गया था. नदी तटों पर भगवान श्री कृष्ण की पूजा- अर्चना की गयी.
विष्णु पंचुक का समापन, राई-दामोदर की हुई पूजासरायकेला- खरसावां में सोमवार को कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर पवित्र विष्णु पंचुक व्रत का पारण किया गया. काफी संख्या में महिलाओं ने कार्तिक माह के दशमी से लेकर पूर्णिमा तक विष्णु पंचुक व्रत रखा था. कार्तिक पूर्णिमा के साथ 5 दिवसीय पंकुच व्रत का भी समापन हो गया. अधिकांश घरों में तुलसी मंडप के पास रंग-बिरंगी रंगोली बना कर राई- दामोदर की पूजा की गयी. ओड़िया समुदाय की वर्षों पुरानी यह संस्कृति अब भी चली आ रही है. ओड़िया समुदाय के लोग कार्तिक पूर्णिमा को सबसे महत्वपूर्ण दिन मानते हैं और इस दिन को हर संभव पुण्य कार्य करते हैं.
Posted By : Samir Ranjan.