कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई आस्था की डुबकी, जानें ये दिन क्यों है खास
कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर काशी में आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला है. काशी के पावन घाटों पर श्रद्धालु भोर से ही गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं.
Varanasi News: कार्तिक पूर्णिमा के पावन पर्व पर काशी में आस्था और श्रद्धा का अभूतपूर्व नजारा देखने को मिला है. काशी के पावन घाटों पर श्रद्धालु भोर से ही गंगा स्नान करने पहुंच रहे हैं. काशी में गंगा स्नान करने का अपना एक धार्मिक महत्व है और कार्तिक मास के पूर्णिमा को स्नान करने का विशेष धार्मिक महत्व है.
सभी मनोकामनाएं होती हैं पूर्ण
बाबा विश्वनाथ की नगरी काशी में कार्तिक पूर्णिमा के दिन आस्था का जन सैलाब उमड़ा है. सूर्य की पहली किरण के साथ हर कोई मां गंगा में डुबकी लगा के पुण्य कमाना चाहता है. कार्तिक पूर्णिमा को स्नान की मान्यताओं के अनुसार, आज का दिन विशेष फलदायक है. कार्तिक पूर्णिमा के दिन जो भी सच्चे मन और विश्वास के साथ मां गंगा में स्नान करते है उनकी सभी मनोकामना पूर्ण होती है.
पुराणों में वर्णित हैं कार्तिक मास की विशिष्टताएं
कार्तिक मास को देवताओं का प्रिय महीना माना जाता है, कार्तिक मास की विशिष्टताएं पुराणों में वर्णित की गई हैं. शास्त्रों में कार्तिक मास को श्रेष्ठ मास माना गया है. पर्वो की नगरी काशी में हर त्यौहार का एक विशिष्ट महत्व है. स्कंद पुराण की माने तो आज के दिन 33 करोङ देवी देवता पृथ्वी पर आते है, इस लिए महादेव की नगरी काशी में गंगा स्नान और पूजन करने से भोलेनाथ के संग भगवान विष्णु भी प्रसन्न होते हैं.
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पापों से मिलती है मुक्ति
मान्यता है कि मनुष्य अपने जीवन काल में किए पापों की प्राश्चित करना चाहता है, तो कार्तिक पूर्णिमा के दिन पतित पावनी मां गंगा में अवश्य स्नान करें. कार्तिक पूर्णिमा पर स्नान करने और दान देने का विशेष महत्व है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह