Karwa Chauth Sargi: करवा चौथ में सरगी का क्या है महत्व? अपनी थाली में इन चीजों को करें शामिल
करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के जीवन में बहुत महत्व रखता है, ये व्रत शादीशुदा महिलाओं के जीवन में खुशियां भर देता है. इस दिन सास अपनी बहू को सरगी देती है, जिससे सुबह सूर्योदय से पहले खाया जाता है. करवा चौथ के व्रत में सरगी का बहुत महत्व होता है, इसके बिना करवा चौथ का व्रत पूरा नहीं माना जाता है.
इस बार एक नवंबर 2023 दिन बुधवार को करवा चौथ का त्योहार मनाया जा रहा है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरी निष्ठा के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखेंगी. व्रत रखने से पहले करवा चौथ में सरगी का अलग महत्व है. सरगी एक सदियों पुरानी रस्म है जो इस दिन विशेष रूप से उत्तर भारत में की जाती है.
सरगी व्रत के दौरान महिला को पूरे दिन ऊर्जावान रहने में मदद भी करती है. इस पारंपरिक भोजन में अलग-अलग खाने की चीजें होती हैं, जो महिला को दिन भर भरा रखने में मदद करती हैं.
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सरगी में बादाम, पिस्ता, किशमिश, काजू जैसे सूखे मेवे पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और शरीर को भरपूर ऊर्जा प्रदान करते हैं. सरगी के रूप में खाने से उपवास करने वाली महिला पूरे दिन ऊर्जावान रहती है.
करवा चौथ का व्रत, निर्जला व्रत होता है. इस व्रत को करने वाली महिलाएं पूरे दिन पानी नहीं पी सकतीं है. सरगी थाली में बहुत सारे ताजे फल होते हैं. फलों में पानी की मात्रा अधिक होती है. वे दिन भर महिला को हाइड्रेटेड रखते हैं. सरगी में इसे जरूर शामिल करें.
सरगी थाली में हमेशा एक या एक से अधिक मिठाइयां होती हैं. ये घर का बना या रेडीमेड हो सकता है. मिठाई ग्लूकोज और सुक्रोज से भरपूर होती हैं जो आपके शरीर को लंबे समय तक ऊर्जा प्रदान करती है.
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सरगी में नारियल पानी पीना बहुत जरूरी है. इससे आपका शरीर निर्जला व्रत के दौरान दिनभर हाइड्रेट रहती है. इससे शरीर में ताकत की कमी नहीं होती, और आप तंदुरुस्त बने रहते हैं.
सरगी, वह भोजन है जो विवाहित महिला को सूर्योदय से पहले खाने को मिलती है. व्रत शुरू होने से पहले सास अपने बहू को सरगी अपनी बहू को शुभ दिन पर आशीर्वाद देने का तरीका है ताकि वह पूरे दिन सफलतापूर्वक उपवास कर सकें.