Karva Chauth 2020: करवा चौथ आज है. करवा चौथ की तैयारियां एक दिन पहले की जाती हैं. आज बाजार में सुहागिन महिलाएं कपड़े, गहने, श्रृंगार का सामान और पूजा सामग्री खरीदती हैं. करवा चौथ वाले दिन महिलाएं सूर्योदय से पहले सरगी खाती हैं. इसके बाद सुबह हाथ और पैरों पर मेहंदी लगाई जाती है और पूजा की थालियों को सजाया जाता है.
व्रत करने वाली आस-पड़ोस की महिलाएं शाम ढलने से पहले किसी मंदिर, घर या बगीचे में इकट्ठा होकर एक साथ करवा चौथ की पूजा करती हैं. इस दौरान गोबर और पीली मिट्टी से पार्वती जी की प्रतिमा स्थापित की जाती है, इसके बाद माता गौरी की पहले से तैयार प्रतिमा को भी रख दिया जाता है. विधि-विधान से पूजा करने के बाद सभी महिलाएं किसी बुजुर्ग महिला से करवा चौथ की कथा सुनती हैं. इस दौरान सभी महिलाएं लाल जोड़े में पूरे सोलह श्रृंगार के साथ पूजा करती हैं. चंद्रमा के उदय पर अर्घ्य दिया जाता है और पति की आरती उतारी जाती है. पति के हाथों पानी पीकर महिलाओं के उपवास का समापन हो जाता है.
कल करवा चौथ का व्रत सुहागिनें रखेंगी. इसके लिए आज ही सारी पूजन सामग्री को इकट्ठा करके घर के मंदिर में रख दें. पूजन सामग्री इस प्रकार है. मिट्टी का टोंटीदार करवा व ढक्कन, पानी का लोटा, गंगाजल, दीपक, रूई, अगरबत्ती, चंदन, कुमकुम, रोली, अक्षत, फूल, कच्चा दूध, दही, देसी घी, शहद, चीनी, हल्दी, चावल, मिठाई, चीनी का बूरा, मेहंदी, महावर, सिंदूर, कंघा, बिंदी, चुनरी, चूड़ी, बिछुआ, गौरी बनाने के लिए पीली मिट्टी, लकड़ी का आसन, छलनी, आठ पूरियों की अठावरी, हलुआ और दक्षिणा के पैसे.
करवा चौथ के दिन सरगी का भी विशेष महत्व है. इस दिन व्रत करने वाली महिलाएं और लड़कियां सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करने के बाद सरगी खाती हैं. सरगी आमतौर पर सास तैयार करती है. सरगी में सूखे मेवे, नारियल, फल और मिठाई खाई जाती है. अगर सास नहीं है तो घर का कोई बड़ा भी अपनी बहू के लिए सरगी बना सकता है. जो लड़कियां शादी से पहले करवा चौथ का व्रत रख रही हैं उसके ससुराल वाले एक शाम पहले उसे सरगी दे आते हैं. सरगी सुबह सूरज उगने से पहले खाई जाती है ताकि दिन भर ऊर्जा बनी रहे.
करवा चौथ की तिथि: 4 नवंबर 2020
चतुर्थी तिथि प्रारंभ: 4 नवंबर 2020 दिन बुधवार की सुबह 03 बजकर 24 मिनट से
चतुर्थी तिथि समाप्त: 5 नवंबर 2020 की सुबह 05 बजकर 14 मिनट तक
करवा चौथ व्रत का समय: 4 नवंबर 2020 की सुबह 06 बजकर 35 मिनट से रात 08 बजकर 12 मिनट तक
कुल अवधि: 13 घंटे 37 मिनट
पूजा का शुभ मुहुर्त: 4 नवंबर की शाम 05 बजकर 34 मिनट से शाम 06 बजकर 52 मिनट तक
कुल अवधि: 1 घंटे 18 मिनट
करवा चौथ के दिन चंद्रोदय का समय रात 08 बजकर 12 मिनट
News Posted by: Radheshyam Kushwaha