सत्या राज, धनबाद : एक नवंबर को करवा चौथ है. इस दिन पति की दीर्घायु के लिए सुहागिनें निर्जला व्रत रखेंगी. पंजाबी और मारवाड़ी समुदाय में करवाचौथ को लेकर काफी तैयारी की जाती है. बात जब सुहाग से जुड़े व्रत की हो, तो सुहागिनें आज भी पारंपरिक मान्याताओं के साथ उपवास करती हैं. विधि विधान से चौथ महारानी का आवाहन किया जाता है. नियम से पूजा अर्चना कर सात जन्मों का साथ मांगती हैं. अब, तो अन्य समुदाय की सुहागिनें भी करवाचौथ का व्रत करती हैं.
उदया तिथि में होगी पूजा
करवाचौथ कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस साल चतुर्थी तिथि 31 अक्तूबर को रात्रि साढ़े 11 बजे प्रवेश कर रहा है, जो एक नवंबर को रात्रि 11 बजे तक रहेगी. उदया तिथि की मान्यता रहने के कारण करवा चौथ का उपवास एक नवंबर को सुहागिनें रखेंगी. संध्या में सोलह शृंगार कर चौथ महारानी की पूजा अर्चनाकर कथा सुनकर अखंड सुहाग का आशीष मांगेगी.
आज शक्ति मंदिर में बंटेगी सरगी सामग्री
हर साल शक्ति मंदिर में करवाचौथ करनेवाली सुहागिनों को व्रत के एक दिन पूर्व सरगी सामग्री दी जाती है. इस बार 31 अक्तूबर को शक्ति मंदिर में सरगी सामग्री बांटी जायेगी. मंदिर के प्रबंधक ब्रजेश मिश्रा ने बताया कि सुबह 11 बजे से मंदिर परिसर में 501 सुहागिनों के बीच सरगी सामग्री दी जायेगी. पिछले 18 सालों से कमेटी की ओर से करवाचौथ करनेवाली सुहागिनों के बीच सरगी बांटी जाती है. करवाचौथ के दिन संध्या में मंदिर में पूजा की व्यवस्था की जाती है. व्रती पूजा करने और कथा सुनने के लिए मंदिर आती है. भक्तों की संख्या को देखते हुए कई समूह बनाकर कमेटी द्वारा पूजा की व्यवस्था की जाती है.
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