Karva Chauth 2023: करवा चौथ का व्रत सुहागिन महिलाओं के लिए बेहद खास होता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं अपने पति की लम्बी उम्र की कामना के लिए व्रत रखती हैं. इसके साथ ही इस महिलाएं 16 श्रृंगार भी करती हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है. हर साल करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को मनाया जाता है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पूरा दिन निर्जला व्रत रखकर प्रदोष काल में चंद्र को अर्घ्य देकर व्रत का पारण करती हैं. ज्योतिष अनुसंधान केंद्र के संस्थापक ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर चंद्र को अर्घ्य देती हैं. करवा चौथ का व्रत रखने से वैवाहिक जीवन हमेशा सुखमय रहता है.
करवा चौथ का व्रत इस साल 1 नवंबर 2023 दिन बुधवार को रखा जाएगा. इस दिन महिलाएं सूर्योदय से लेकर चंद्रोदय तक व्रत रखती हैं. चंद्रोदय होते ही चंद्रमा को अर्घ्य देकर अपने पति को देखकर व्रत का पारण करती हैं. इस दिन व्रत के समय कथा सुनने की भी परंपरा है. ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि अगर पति पत्नी साथ बैठकर कथा सुनें तो उनके रिश्ते अटूट हो जाते हैं. वहीं, इस साल के करवा चौथ में कई शुभ योग का भी निर्माण होने जा रहा है. इस दिन संकष्टी चतुर्थी का भी व्रत रखा जाएगा, जो कि बेहद दुर्लभ संयोग है.
करवा चौथ का व्रत कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को रखा जाता है. इस साल चतुर्थी तिथि की शुरुआत 31 अक्टूबर की रात 9 बजकर 30 मिनट से हो रही है. जबकि इस तिथि की समापन 1 नवंबर दिन बुधवार की रात 9 बजकर 19 मिनट पर होगा. उदयातिथि और चंद्रोदय को देखते हुए 1 नवंबर को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा. वहीं करवा चौथ व्रत के लिए शुभ मुहूर्त 1 नवंबर को सुबह 6 बजकर 45 मिनट से लेकर रात 8 बजकर 07 मिनट तक है. इसके अलावा करवा चौथ के दिन चंद्रोदय रात 8 बजकर 07 मिनट पर होगा. करवा चौथ के दिन चांद को देखने के बाद ही व्रत खोला जाता है.
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ज्योतिषाचार्य वेद प्रकाश शास्त्री ने बताया कि कई सालों के बाद करवा चौथ के दिन खास शुभ संयोग बन रहा है. इस बार करवा चौथ के दिन शिववास भी है. इसके साथ ही इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण होने जा रहा है. इस साल करवा चौथ के दिन ही संकष्टी चतुर्थी का व्रत भी रखा जाएगा, जो कि करवा चौथ के महत्व और भी ज्यादा बढ़ा देता है. इस साल करवा चौथ के दिन जो भी व्रत रखकर पूजा अर्चना करेगा, उनको भगवान शिव और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
पंचांग के अनुसार, इस बार करवा चौथ के दिन शिव योग और सर्वार्थ सिद्धि योग का शुभ संयोग बन रहा है. इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग की शुरुआत सुबह 6 बजकर 33 मिनट से हो रही है. जबकि इस शुभ योग का समापन 2 नवंबर को सुबह 4 बजकर 36 मिनट पर होगा. वहीं 1 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 7 मिनट से शिवयोग की भी शुरुआत हो रही है. ऐसे में इन शुभ संयोगों की वजह से इस बार का करवा चौथ बेहद खास माना जा रहा है.
करवा के पूजन के साथ एक लोटे में जल भी रखें, इससे चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. पूजा करते समय करवा चौथ व्रत कथाका पाठ करें. चांद निकलने के बाद छलनी की ओट से पति को देखें फिर चांद के दर्शन करें. चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें.
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पूजा के समय थाली में मिट्टी या तांबे का करवा और ढक्कन, पान, कलश, चंदन, फूल, हल्दी, चावल, मिठाई, कच्चा, दूध, दही, देसी घी, शहद, शक्कर का बूरा, रोली, कुमकुम, मौली ये सभी सामान होना जरूरी है. इसके साथ ही सोलह श्रृंगार का सामान जैसे महावर, कंघा, मेहंदी, सिंदूर, चुनरी, बिंदी, चूड़ी, छलनी, बिछिया, करवा माता की तस्वीर, अगरबत्ती, कपूर, दीपक, गेहूं, रूई की बाती, लकड़ी का आसन, दक्षिणा, लहुआ, 8 पूरियों की अठावरी भी पूजा के लिए रखें.