Karvachauth 2020: पति की आयु लंबी हो, इसलिए स्त्रियां नहीं करतीं करवाचौथ का व्रत! जानें कहां है ये अनोखी प्रथा

भारत में एक ऐसी जगह है जहां पति की लंबी आयु हो इसलिए ना तो महिलाएं श्रृंगार करती हैं और ना ही करवाचौथ का व्रत रखती हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 2, 2020 5:47 PM

करवाचौथ. हिंदू मान्यता के हिसाब से हिन्दुस्तानी सुहागिनों के लिए ये व्रत काफी मायने रखता हैं. विवाहित स्त्रियां पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखती हैं. इस दिन श्रृंगार करती हैं. पूरे दिन निर्जला उपवास करती हैं. रात को छलनी से चांद और पति का दीदार करके उपवास तोड़ती हैं लेकिन भारत में एक ऐसी जगह है जहां पति की लंबी आयु हो इसलिए ना तो महिलाएं श्रृंगार करती हैं और ना ही करवाचौथ का व्रत रखती हैं.

मथुरा में करवाचौथ की अनोखी प्रथा

उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित सुरीर के मोहल्ला बघा में ऐसी प्रथा है. यहां सुहागिनें करवाचौथ के दिन व्रत नहीं रखतीं. विवाहिता स्त्रियां श्रृंगार भी नहीं करतीं. गांव में स्थित सती माता के मंदिर में जाकर पूजा अर्चना करती हैं और पति की लंबी आयु का आशीर्वाद मांगती हैं. कहा जाता है कि इस मोहल्ले में ये पंरपरा बीते 200 वर्षों से निभाई जा रही है. इस परंपरा को निभाने के पीछे काफी दिलचस्प कहानी है. लोग आज भी इसकी बात करते हैं.

जानें प्रथा के पीछे की दिलचस्प कहानी

कथा के मुताबिक आज से 200 वर्ष पहले मथुरा के किसी गांव का एक युवक अपनी नवविवाहित पत्नी को ससुराल से विदा कराके भैंसा गाड़ी से वापस लौट रहा था. जब युवक और उसकी पत्नी बघा मोहल्ला के पास पहुंचे तो गांव वालों ने उन्हें रोक लिया. गांव वालों ने दावा किया कि गाड़ी में जुता हुआ भैंसा उनका है. इस बात को लेकर मोहल्ले वालों और युवक में झगड़ा हो गया. झगड़े में युवक की हत्या कर दी गई.

पति की हत्या से दुखी और क्षुब्ध नवविवाहिता ने मोहल्ले के लोगों को श्राप दे दिया. कहा कि जिस तरह मैं अपने पति की हत्या होने पर विलाप कर रही हूं वैसा ही विलाप तुम्हारी पत्नियां भी करेंगी. ऐसा कहते हुए वो नवविवाहिता सती हो गई. कहा जाता है कि इस घटना के बाद उस मोहल्ले में अकाल मृत्यु का सिलसिला शुरू हो गया.

मोहल्ले की स्त्रियां असमय विधवा होने लगीं. आखिरकार गांव के बुजुर्गों को गलती का एहसास हुआ. जहां वो स्त्री सती हुई थी वहां सती माता नाम से मंदिर की स्थापना की गई. गांव की स्त्रियां प्रतिदिन सती माता के मंदिर में पूजा करती हैं. वे करवाचौथ का त्योहार नहीं मनातीं.

जानें गांव की महिलाएं क्या कहती हैं

इस वर्ष भी कई नवविवाहिताएं अपने पति की लंबी आयु के लिए करवाचौथ का व्रत रखना चाहती थीं लेकिन गांव की बुजुर्ग महिलाओं की बात मानकर उन्होंने खुद को रोक लिया. कई स्त्रियां मायूस हैं कि वे करवाचौथ का व्रत नहीं रख पाएंगी. लेकिन परंपरा का निर्वहन तो करना ही होगा.

मथुरा के बाघ मोहल्ले की ये परंपरा काफी अनोखी है. यहां करवाचौथ के दिन महिलाएं ना तो श्रृंगार करती हैं और ना ही व्रत रखती हैं.

Posted By- Suraj Thakur

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