Aligarh News: आगरा में जिस प्रकार से पुलिस हिरासत में एक व्यक्ति की मौत हुई थी, जिसकी जांच कासगंज पुलिस कर रही थी. उसी कासगंज पुलिस की हिरासत में एक युवक की मौत हो गई. इस मामले में इंस्पेक्टर सहित पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
बता दें कि, अल्ताफ (21) पुत्र चांद मियां (निवासी नगला सैयद) एक मकान में टाइल लगाने का काम कर रहा था, जहां से एक लड़की लापता हो गई थी. परिजनों ने जिसका आरोप अल्ताफ पर लगाया. परिजनों का कहना था कि अल्ताफ ही लड़की को भगा ले गया है. मामले में कासगंज पुलिस ने अल्ताफ को 8 नवंबर की रात्रि करीब 8 बजे हिरासत में लिया, जिसके अगले दिन 9 नवंबर की शाम को अल्ताफ की सदर कोतवाली में मौत हो गई.
मृतक अल्ताफ के पिता चांद मियां का आरोप है कि, पुलिस, अल्ताफ को शक के तौर पर थाने ले गई. जहां पर पुलिस वालों ने अल्ताफ को फांसी लगा दी.
कासगंज एसपी बोत्रे रोहन ने बताया कि, किशोरी को बहला-फुसलाकर ले जाने के मामले में नामजद अल्ताफ को गिरफ्तार किया गया था. अल्ताफ ने शौचालय में अपनी जैकेट के हुड की डोरी से टंकी के पाइप पर लटक कर फांसी लगा ली. उसको सीएससी ले जाया गया, जहां मृत घोषित कर दिया गया. मामले पर पुलिस इंस्पेक्टर वीरेंद्र सिंह इंदौरिया, दरोगा चंद्रेश गौतम, विकास कुमार, हेड मुहर्रिर घनेंद्र और सिपाही सौरव सोलंकी को निलंबित कर दिया गया है.
आगरा के जगदीशपुरा थाने में 20 अक्टूबर को पुलिस हिरासत में अरुण नामक युवक की मौत हो गई थी, जिसे 17 अक्टूबर को माल खाने में से 25 लाख रुपए चोरी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले की जांच कासगंज पुलिस को सौंपी गई थी, लेकिन अब कासगंज पुलिस खुद ऐसे मामले में घिर गई है.
कासगंज की सदर कोतवाली में पुलिस हिरासत में एक युवक की मौत हुई है. अब यह देखा जाएगा कि आगरा मामले की जांच को कासगंज पुलिस कैसे अंजाम देती है और खुद कासगंज पुलिस की हिरासत में युवक की मौत की जांच कौन-से जिले की पुलिस को मिलेगी?
रिपोर्ट चमन शर्मा