Kasganj News: सोरों को मिला तीर्थ स्थल का दर्जा, रंग लाई पुरोहितों की मेहनत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन भावनाओं के मद्देनजर कासगंज के सोरों को तीर्थ स्थल घोषित कर दिया है.
Kasganj News: कासगंज जिले के सोरों शूकर क्षेत्र को तीर्थ स्थल घोषित करने की मांग लंबे समय से चली आ रही थी. प्रदेश में सरकारें आती जाती रहीं, लेकिन आदि तीर्थ नगरी शूकर क्षेत्र सोरों जी को तीर्थस्थल घोषित करने का साहस किसी ने नहीं किया. ऐसे में अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जन भावनाओं के मद्देनजर सोरों को तीर्थ स्थल घोषित कर दिया है.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर शूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थ स्थल की श्रेणी में शामिल करने की जानकारी दी है. सीएम के ट्विट के बाद तीर्थ नगरी के स्थानीय पुरोहितों के चेहरे खुशी से खिल उठे हैं. सोरों गंगाजी के तीर्थ पुरोहित शिवा दुबे ने सीएम के फैसले पर खुशी जाहिर करते हुए कहा कि, अब यहां विकास को नई रफ्तार मिलेगी, साथ ही पर्यटन क्षेत्र को भी पंख लग जाएंगे.
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जनपद कासगंज स्थित सूकर क्षेत्र, सोरों को तीर्थस्थल के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया है।@spgoyal@sanjaychapps1 @74_alok pic.twitter.com/AxHUE0A2L5
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) October 28, 2021
दरअसल, सीएम योगी आदित्यनाथ के कार्यालय के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कासगंज के शूकर क्षेत्र सोरों को तीर्थ स्थल बनाने की घोषणा कर दी गई है. ट्वीट में कहा गया है कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जनपद कासगंज स्थित सूकर क्षेत्र, सोरों को तीर्थ स्थल के रूप में घोषित करने का निर्णय लिया है.
सोरों में बढ़ेंगे रोजगार के अवसरट्वीट में मुख्यमंत्री के साथ एक फोटो भी प्रदर्शित की गई है, जिसमें लिखा है कि सोरों को तीर्थ स्थल घोषित करने से ऐतिहासिक स्थल को संरक्षित किया जा सकेगा और वहां का विकास होगा, साथ ही वहां के स्थानीय लोगों को रोजगार के अच्छे अवसर प्राप्त होंगे.
मोक्ष स्थली है आदि नगरी सोरोंउत्तर भारत के उत्तर में स्थित कासगंज जिले का प्रमुख तीर्थ स्थल सोरों मोक्ष स्थल को रूप में भी जाना जाता है. ऐसी मान्यता है कि यहां के कुंड में विसर्जित की गई अस्थियां 3 दिन के अंदर रेणु रूप धारण कर लेती हैं, यानी जल में ही विलीन हो जाती हैं और व्यक्ति की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है.
सोरों में है भगवान वराह का विशाल प्राचीन मंदिरसोरों महाकवि गोस्वामी तुलसीदास और अष्टछाप के कवि नंददास की भी जन्मभूमि है. गंगा नदी के समीप स्थित शूकर क्षेत्र का पुराना नाम सोरेय्य था. यहां भगवान वराह का विशाल प्राचीन मंदिर है. सोरों में लगने वाले प्रसिद्ध मार्गशीर्ष मेला में दूर-दूर से लोग आते हैं.
रिपोर्ट- चमन शर्मा