क्या था गांधीजी का सपना जिसका सीएम योगी ने किया जिक्र, बोले- हजारों वर्षों की तपस्या सार्थक
काशी हिंदू विश्वविद्यालय में एक बार महात्मा गांधी ने सख्त लहजे में कहा था कि, विश्व पटल पर काशी की छवि यहां कि दुर्व्यवस्था की वजह से धूमिल हो रही है. ऐसे में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर पीएम मोदी ने गांधीजी का हजारों वर्ष पुराना सपना पूरा कर दिया, जिसका सीएम ने जिक्र किया है
Varanasi News: पीएम नरेंद्र मोदी ने आज यानी सोमवार को वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर दिया है. इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि, हजारों वर्षों की तपस्या आज सार्थक होती दिखाई दी है. एक हजार वर्षों से काशी ने जिन विपरीत परिस्थितियों का सामना किया, उसका साक्षी हर भारतवासी रहा. काशी में बाबा विश्वनाथ का ये धाम अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण का कार्य उसी श्रृंखला को एक नया स्वरूप प्रदान करता है.
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने काशी की तंग गलियों और यहां की गंदगी को देखकर अपनी पीड़ा व्यक्त की थी।
गांधी जी के नाम पर बहुत सारे लोगों ने सत्ता प्राप्त की होगी, लेकिन उनके स्वप्न को साकार करने का कार्य आदरणीय प्रधानमंत्री श्री @narendramodi जी ने किया है।— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) December 13, 2021
सीएम योगी ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के उस पीड़ा को दूर करने का माध्यम काशी विश्वनाथ कॉरिडोर को बताया, जिसमे महात्मा गांधी ने काशी में मंदिरों की दुर्व्यवस्था को देखकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय में सख्त लहजे में कहा था कि, विश्व पटल पर काशी की छवि यहां कि दुर्व्यवस्था की वजह से धूमिल हो रही है. आज महात्मा गांधी के सपने को पीएम मोदी ने पूरा कर काशी समेत पूरी दुनिया को सौगात दी है.
डाक्यूमेंट्री में मंदिर तोड़ने से निर्माण तक की कहानीलगभग 10 मिनट के डाक्यूमेंट्री के सहारे काशी विश्वनाथ धाम के इतिहास को दर्शाया गया, जिसमें प्राचीन काशी विश्वनाथ मंदिर पर औरंगजेब द्वारा आक्रमण किये जाने से लेकर अहिल्या बाई होलकर द्वारा निर्मित मंदिर तक के जीर्णोद्धार की कहानी बताई गई. अहिल्या बाई ने किस तरह 1835 में मंदिर के शिखर को स्वर्णमंडित कराया. समय के साथ प्राचीन मंदिर अतिक्रमण में छिपते चले गए, गलियां सकरी होती चली गई, और बाबा विश्वनाथ के दर्शन भक्तो के लिए दुर्लभः होते गए.
शिव भक्तों को बीजेपी की सौगातबता दें कि कोरोना के समय भी कॉरिडोर निर्माण का कार्य चलता रहा. पीएम मोदी खुद इस कार्य की ऑनलाइन निगरानी करते थे. इस भगीरथ तपस्या का 4 वर्ष में कॉरिडोर निर्माण के साथ फल सभी शिव भक्तों को प्राप्त हो चुका है. पीएम मोदी ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण कर भव्य कॉरिडोर भक्तों को समर्पित कर दिया है.
पूरा विश्व मानवीय चेतना के साथ जुड़ा हुआ हैपीएम मोदी ने सभी मुख्यमंत्री, मंत्री, राज्यपाल, साधु संतों का अभिनन्दन करते हुए कहा कि, काशी में आकर दिव्य चेतना की अनुभूति हो रही हैं. बाबा की माया बाबा ही जाने, लेकिन हमारी जो मानवीय चेतना कहती है. वो ये कि कॉरिडोर निर्माण समय पर पूरा होने के बाद पूरा विश्व मानवीय चेतना के साथ जुड़ा हुआ है.
विलुप्त मंदिरों को किया गया स्थापितआज काशी विश्वनाथ परिसर अनन्त चेतना से भरा हुआ है. उसका वैभव विस्तार ले रहा है. इसकी विशेषता आसमान छू रही है. यहां आसपास प्राचीन जितने मंदिर विलुप्त हो चुके थे, उन्हें भी स्थापित किया जा चुका है.
क्या हैं पीएम के तीन संकल्पपीएम मोदी ने कहा कि, साथियों बाबा के साथ यदि किसी और का योगदान है तो वो उनके गणों का है. बाबा के गण यानी हमारे सारे काशीवासी, इन्ही का कॉरिडोर निर्माण में योगदान है. मैं यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और उनकी टीम का अभिनन्दन करता हूं. पीएम ने कहा, हमे आत्मनिर्भर भारत के लिए अपने प्रयास बढ़ाने का संकल्प लेना होगा. जब हम देश में बनी चीजों के लिए गर्व करेंगे, जब हम लोकल के लिए वोकल होंगे. जब हम ऐसी चीज खरीदेंगे जिसे बनाने में किसी भारतीय का पसीना बहेगा, तब आत्मनिर्भर भारत के योगदान में मदद करेंगे.
रिपोर्ट- विपिन सिंह