Varanasi News: 11 दिसंबर को काशी में शिव बारात, हर-हर महादेव के जयघोष से गूंज उठेगी भोलेनाथ की नगरी
13 दिसंबर को काशी में पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट का लोकार्पण होने जा रहा है. इसके उपलक्ष्य में पूरे शहर में भव्य तैयारियां चल रही हैं. भोले बाबा के धाम के तैयारियों में लोकार्पण से पहले 11 दिसंबर को शिव बारात निकलेगी.
Varanasi News: वाराणासी में पीएम नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण आगामी 13 दिसंबर को होने जा रहा है. इसके उपलक्ष्य में पूरे शहर में भव्य तैयारियां चल रही हैं. भोले बाबा के धाम के तैयारियों में लोकार्पण के दो दिन पूर्व शिव बारात निकलेगी, यानी कि 11 दिसंबर को कॉरिडोर के लोकार्पण के अवसर पर शिव बारात निकालकर जश्न का माहौल मनेगा.
11 दिसंबर को काशी में शिव बारात
देवाधिदेव महादेव की बरात इस बार महाशिवरात्रि पर्व के अलावा काशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण के अवसर पर निकाली जाएगी. इस बार बाबा शिवरात्रि के पहले दूल्हा बनेंगे. महामृत्युंजय महादेव मंदिर से काशी विश्वनाथ मंदिर तक शिव बरात निकाली जाएगी. इसकी जिम्मेदारी चार दशक से महाशिवरात्रि पर आयोजन करने वाली दारानगर शिव बरात समिति को दी गई है.
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भगवान शिव ने चुना काशी नगरी को
कहा जाता है कि काशी के कण कण में भगवान शंकर बसे हैं. सृष्टि की रचना के बाद जब भगवान भोले नाथ पृथ्वी पर आना चाहते थे, तो उन्होंने काशी को चुना, इसलिए काशी को तीनों लोकों से न्यारी नगरी कहा जाता है. शिवरात्रि यानी भगवान के विवाह के दिन महादेव की नगरी काशी मानों शिव के रंग में रंग जाती है. धार्मिक मान्यता है कि मां पार्वती ने तपस्या के बाद बाबा भोलेनाथ का वरन किया था और पाणी कर्म का संकल्प लिया था.
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कॉरिडोर लोकार्पण के अवसर पर निकलेगी बारात
बारात में शिव विवाह की परंपरा को जीवंत किया जाएगा. महा शिवरात्रि को निकाले जाने वाली शिव बारात इस बार कॉरिडोर लोकार्पण के अवसर पर निकाली जाएगी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रदेश के पर्यटन राज्यमंत्री व शहर दक्षिणी के विधायक डॉ नीलकंठ तिवारी के आग्रह पर 11 दिसंबर को बारात निकालने का निर्णय किया गया है.
कहां से कहां तक जाएगी बारात
बारात दोपहर 12 बजे दारानगर स्थित महा मृत्युंजय मंदिर से निकलेगी जो डेढसी पुल तक जाकर विराम लेगी. बारात में शामिल शिव बाराती हर-हर महादेव का उद्घोष कर समूची काशी को शिवमय कर देंगे. भगवान शंकर का विवाह त्रियुगी नारायण (उत्तराखंड) में हुआ था. विवाह में नर-नारी, नारद, किन्नर, देवतागण, भूत-पिशाच सर्प आदि बाराती बने थे, लिहाजा 11 दिसंबर को निकलने वाली शिव बारात में भी इन सभी का समावेश होगा. यह बारात उत्तर प्रदेश संस्कृति विभाग के सहयोग से निकाली जा रही है.
रिपोर्ट- विपिन सिंह