काशी विश्वनाथ धाम: दो साल में रिकॉर्ड 13 करोड़ श्रद्धालुओं ने किए दर्शन, 20 हजार करोड़ का सालाना कारोबार
वर्ष 2021 में लोकार्पण से पहले तक जितनी संख्या में धार्मिक पर्यटन के लिए लोग आते थे, उनकी संख्या सुविधाओं के अभाव में बेहद कम होती थी. वहीं जैसे-जैसे अवस्थापना विकास होता चला गया, सुविधाओं में इजाफा देखने को मिला. इसकी वजह से पर्यटकों की संख्या में करीब 10 गुना इजाफा हुआ है.
Varanasi News: काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद यहां आने वाले श्रद्धालुओं के ग्राफ में तेजी से इजाफा हुआ है. कॉरिडोर के बनने के बाद देश विदेश से काशी आने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों की संख्या काफी बढ़ गई है. पहले जहां सावन के महीने में ज्यादा भीड़ नजर आती थी, वहीं अब पूरे साल देश दुनिया के कोने कोने से लोग बाबा विश्वनाथ का आशीर्वाद लेने पहुंचे रहे हैं. इनमें आम लोगों के साथ वीआईपी भी शामिल हैं. देश के बड़े राजनेताओं से लेकर फिल्मी सितारे और अन्य हस्तियां काशी विश्वनाथ के दर्शन पूजन के लिए लगातार आ रहे हैं. दुनिया की सबसे प्राचीन धार्मिक नगरी काशी देश के अहम पर्यटन केंद्र के रूप में उभर चुकी है. आंकड़ों के मुताबिक बीते दो वर्ष में ही कॉरिडोर में आने वाले पर्यटकों की संख्या 13 करोड़ तक पहुंच गई है. इतनी बड़ी संख्या में आने वाले पर्यटकों की वजह से जो सबसे बड़ा और सीधा असर वाराणसी की अर्थव्यवस्था पर हुआ है. छोटे दुकानदारों से लेकर बड़े कारोबारियों सभी को पर्यटकों के आने से लाभ हुआ है. उन्हें जीवनयापन करने में मदद मिल रही है. अगर अर्थव्यवस्था की बात की जाए तो वाराणसी के अर्थशास्त्रियों की नजर में यहां की अर्थव्यवस्था में कॉरिडोर बनने के बाद से 10 गुना तक इजाफा हुआ है. अब यहां का सालाना व्यापार 20 हजार करोड़ से भी ऊपर पहुंच गया है. खास बात है कि ये आंकड़ा महज कॉरिडोर आने वालों के खर्च के हिसाब से है. इसमें अन्य चीजों को भी शामिल कर लिया जाए तो आंकड़ा कहीं अधिक होगी.
अर्थव्यवस्था में तेजी से कारोबारियों में खुशी
वाराणसी में काशी विश्वनाथ कॉरिडोर बनने के बाद से स्थानीय अर्थव्यवस्था में तेजी से कारोबारियों में बेहद खुशी है. कारोबारियों के मुताबिक बीते कुछ वर्षों में वाराणसी के इंफ्रास्ट्रक्चर में आमूल चूल परिवर्तन किया गया है. एयरपोर्ट से लेकर रेलवे और सड़क मार्ग से आने वाले पर्यटकों को सहूलियत दी गई है. इसके बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार किया गया और वर्तमान में यह काशी विश्वनाथ धाम के तौर पर जाना जा रहा है.
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अवस्थापना विकास से बड़ी पर्यटकों की संख्या
वर्ष 2021 में लोकार्पण से पहले तक जितनी संख्या में धार्मिक पर्यटन के लिए लोग आते थे, उनकी संख्या सुविधाओं के अभाव में बेहद कम होती थी. वहीं जैसे-जैसे अवस्थापना विकास होता चला गया, सुविधाओं में इजाफा देखने को मिला. इसकी वजह से पर्यटकों की संख्या में करीब 10 गुना इजाफा हुआ है, जो अब करीब दो वर्षों में 13 करोड़ की संख्या को पार कर चुका है. अर्थशास्त्री बताते हैं कि कोई भी पर्यटक जब आता है तो बाजार में न्यूनतम एक से दो हजार रुपए पूजन सामान सहित अन्य वस्तुओं पर खर्च करता हे. इसके अलावा होटल में ठहरने से लेकर अन्य खरीदारी, घूमने और खाने पर भी वह खर्च करता है. छोटी छोटी दुकानों से सामान लेता है. बनारसी साड़ी की भी खरीद होती है. इस तरह एक पर्यटक के आने से पूरी अर्थव्यवस्था नीचे से लेकर ऊपर तक प्रभावित होती है.
सालाना 8 से 10 हजार करोड़ का कारोबार
आंकड़ों के मुताबिक केवल कॉरिडोर में आने वाले दर्शनार्थियों की वजह से सालाना 8 से 10 हजार करोड़ के आसपास कारोबार होता है. अगर बाहर से आने वाले एक व्यक्ति का औसत खर्च करीब 1500 रुपए प्रतिदिन माना जाए तो तकरीबन रोजाना 30 करोड रुपए की अर्थव्यवस्था सिर्फ इस कॉरिडोर के बनने की वजह से पहुंच गई है. इस तरह अगर इस 13 करोड़ के धार्मिक पर्यटकों की अर्थव्यवस्था को समझें तो यह महज दो साल में ही करीब 20 हजार करोड़ तक पहुंचती है. यही वजह से पर्यटकों के आगमन से छोटे दुकानदार, ई रिक्शा, फूल माला विक्रेता, पंडित आदि सभी प्रसन्न हैं. इनका जीवन यापन बेहतर हुआ है. अनुमान के मुताबिक इन लोगों की आमदनी में चार से पांच गुना इजाफा हुआ है.
हर वर्ष भक्तों की संख्या में इजाफा होने का कीर्तिमान
श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के लोकार्पण को इस वर्ष 13 दिसंबर को दो वर्ष पूरे हो जाएंगे. बाबा का धाम हर वर्ष भक्तों के आमद का नया कीर्तिमान बना रहा है और प्रतिदिन बाबा के दरबार में लाखों भक्त दर्शन करने आ रहे हैं. इनकी संख्या दो लाख तक पहुंच गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद बाबा के दरबार में कई बार हाजिरी लगा चुके हैं. श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के मुख्य कार्यपालक अधिकारी सुनील कुमार वर्मा ने बताया कि श्रीकाशी विश्वनाथ धाम का लोकार्पण 13 दिसंबर 2021 को हुआ था, तब से 6 दिसंबर 2023 तक 12 करोड़ 92 लाख 24 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं. वहीं दिसंबर के अंत तक की संख्या 13 करोड़ पार करने का अनुमान है.
सावन में एक करोड़ से अधिक श्रद्धालु पहुंचे काशी विश्वनाथ के दरबार
उन्होंने बताया कि मंदिर के श्रद्धालुओं की सुविधा के मद्देनजर कई प्रंबंध किए गए हैं. गर्मी, बरसात और तेज धूप से बचने के लिए जर्मन हैंगर लगाया गया है. श्रद्धालुओं के पैर नहीं चलें, इसके लिए मैट बिछाई गई है. पीने के शुद्ध की व्यवस्था है. श्रावण मास में दिव्यांगजनों के लिए नि:शुल्क व्हीलचेयर की व्यवस्था की गई है. श्रावण मास 2023 में एक करोड़ से अधिक भक्तों ने बाबा के दरबार में समृद्धि की कामना की. अधिकमास के कारण इस बार सावन दो महीने रहा, इस वजह से श्रद्धालुओं की संख्या में भी इजाफा हुआ. इसमें जुलाई 2023 में 7202891 व अगस्त में 9562206 श्रद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए. दो महीने में यह संख्या लगभग 1.67 करोड़ (एक करोड़ 67 लाख 65 हजार 97) रही. वहीं श्रावण मास 2022 में काशी विश्वनाथ के दर्शन करने वालों की संख्या 7681561 थी.