Kashi Vishwanath Corridor: कई बार तोड़ा जा चुका है काशी विश्वनाथ का मंदिर, करीब 352 साल के बाद अब हुआ ‘उद्धार’

काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार 11वीं सदी में राजा हरीशचंद्र ने करवाया था. इसके बाद साल 1194 में मुहम्मद गौरी ने ही इसे तुड़वा दिया था. इसे एक बार फिर बनाया गया. मगर वर्ष 1447 में पुन: इसे जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने तुड़वा दिया था.

By Prabhat Khabar News Desk | December 13, 2021 8:09 AM

Kashi Vishwanath Corridor: वाराणसी के काशी विश्वनाथ मंदिर का करीब 700 करोड़ रुपए से सुंदरीकरण किया गया है. इसी सिलसिले में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को नवनिर्मित काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का लोकार्पण करने के लिए आ रहे हैं. मगर क्या आप जानते हैं कि इस मंदिर का जीर्णोद्धार किसने करवाया था? बाबा के इस धाम को कब किसने सजाया-संवारा था?

बता दें कि वर्तमान की केंद्र की नरेंद्र मोदी की सरकार द्वारा काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के माध्यम से करीब 352 साल के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर का पुनरुद्धार का काम किया गया है. उत्तर प्रदेश के वाराणसी शहर में स्थित भगवान शिव का यह मंदिर हिंदूओं के प्राचीन मंदिरों में से एक है. यह गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है. जानकार बताते हैं कि 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक काशी विश्वनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार 11वीं सदी में राजा हरीशचंद्र ने करवाया था. इसके बाद साल 1194 में मुहम्मद गौरी ने ही इसे तुड़वा दिया था. इसे एक बार फिर बनाया गया. मगर वर्ष 1447 में पुन: इसे जौनपुर के सुल्तान महमूद शाह ने तुड़वा दिया था. हिंदुओं की आस्था का सैलाब जहां उमड़ता रहता है उस पावन स्थली को एक बार फिर उद्धार किया गया.

फिर साल 1585 में राजा टोडरमल की सहायता से पंडित नारायण भट्ट ने इसे बनाया गया था. मगर वर्ष 1632 में शाहजहां ने इसे तुड़वाने के लिए सेना की एक टुकड़ी भेज दी. मगर हिंदूओं के प्रतिरोध के कारण सेना अपने मकसद में कामयाब न हो पाई. इतना ही नहीं 18 अप्रैल 1669 में औरंगजेब ने इस मंदिर को ध्वस्त कराने के आदेश दिए थे. इसके बाद काशी मंदिर पर ईस्ट इंडिया का राज हो गया, जिस कारण मंदिर का निर्माण रोक दिया गया. फिर साल 1809 में काशी के हिंदूओं द्वारा मंदिर तोड़कर बनाई गई थी.

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