काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत कुलपति त्रिपाठी ने नाराजगी जाहिर करते हुए सभी राजनैतिक दलों को चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि सभी पार्टियां अपनी-अपनी कार्यकुशलता और विकास के मुद्दों पर चुनाव लड़ें. भगवान को चुनावी मुद्दा न बनाएं, अन्यथा उनका विनाश हो जाएगा. मैं बाबा भोलेनाथ का भक्त हुं, उनके लिए सूली पर भी चढ़ने के लिए तैयार हूं.
भगवान को चुनावी मुद्दा बनाने को लेकर काशी विश्वनाथ मंदिर के पूर्व महंत डॉ. कुलपति त्रिपाठी काफी नाराज हैं. राजनीतिक दलों को चेतावनी देते हुए स्पष्ट तौर पर कहा कि मैं बाबा भोलेनाथ का भक्त हुं, राजनीतिक दलों की ओर से इस तरह की जा रही बयानबाजी ठीक नहीं है, मैं इसका विरोध करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि न तो मेरी कोई राजनीतिक पार्टी है न ही कोई चुनावी मंशा, मेरा सिर्फ एक दल हैं, वो बाबा भोलेनाथ है, वही मेरे सबकुछ है. मेरी कोई राजनीतिक मंशा नहीं है. राजनीतिक दलों की ओर से लगातार भगवान को लेकर चुनावी गतिविधियों को अंजाम देने की जो होड़ मची है. मैं उसके विरोध में हुं.
उन्होंने कहा कि जिस तरह से यूपी विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद सभी पार्टियों ने अपनी ताकत झोंकते हुए भगवान को मुद्दा बनाया है, वह सर्वनाश की तरफ संकेत करता है. भगवान आस्था का विषय है, न कि राजनीति का. भाजपा काशी विश्वनाथ मंदिर के साथ ही विश्वनाथ कॉरिडोर, अयोध्या राम जन्म भूमि मंदिर को भुनने में लगी है. वहीं, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी भगवान कृष्ण का सहारा ले लिया है.
पूर्व महंत डॉ. कुलपति त्रिपाठी ने कहा कि सनातन धर्म एक है, हम लोग सनातनी हैं. सनातन धर्म से ही सभी धर्मों की उत्पत्ति हुई है. किसी भी व्यक्ति को अधिकार नहीं है कि देवताओं को अपने निजि स्वार्थ के चलते राजनीति में इस्तेमाल करें. बाबा की स्वतंत्रता है. भगवान राम पालनहार हैं, मैं किसी पार्टी की नहीं सभी पार्टियों से अनुरोध करता हूं कि भगवान को पार्टी मत बनाइए, क्योंकि उनका दूर-दूर तक राजनीति से कोई लेना देना नहीं है. चुनाव में देश के प्रधानमंत्री और यूपी के सीएम सेकुलर हैं, उनके लिए देश और प्रदेश में रहने वाले हर व्यक्ति की सुरक्षा और सुविधाएं एक समान होनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि हमारे देश की पहचान ही अखंडता है, इसे जाति धर्म में बांटकर खंडित न किया जाए. डॉ. कुलपति त्रिपाठी ने कहा कि बाबा तो दयालु हैं, वो सबको देते हैं. हिंदू को भी देते हैं, तो मुसलमान को भी देते हैं. बाबा के सर पर विराजमान चंद्रमा को देखकर मुसलमान ईद मनाते हैं. हिंदू-मुस्लिम संस्कृति की एकता की काशी पहचान है. सब भारत में रहते हैं. अल्लाह के अल्लाह महादेव हैं. गंगा जमुनी सभ्यता को देखना है, तो काशी है.
पूर्व महंत ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में बने विशाल अतिथि भवन को लेकर कहा कि यहां जो लोग भी रुकेंगे वे शौच करेंगे. इस तरह का पाप, यहां कॉरिडोर के नाम पर किया जा रहा है, ये सर्वनाश को आमंत्रित करता है. देश के पीएम ने इस मामले में विचार नहीं कर के गलती की है. काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का निर्माण यदि चुनावी मंशा के लिए किया गया है, तो ये पूरी तरह से गलत है.
मठ-मंदिर-मस्जिद से ध्यान हटाकर महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार को खत्म करने वाले मुद्दों पर राजनीति करे, इसी में जनता की भलाई है. डॉ. कुलपति त्रिपार्ठी ने कहा कि सरकार मंदिर चलाती है कि देश चलाती हैं, मोदी जी आपको ज्ञान हैं? बाबा प्रलयकारी हैं. यह कुपित हो जाएंगे. इसलिए आप चुनाव में इन्हें न लाएं. चाहे भारतीय जनता पार्टी हो या अन्य कोई भी दल हैं, अपनी काबिलियत पर चुनाव लड़ें.
रिपोर्ट- विपिन सिंह, वाराणसी