चतरा : आठ साल में पूरा नहीं हुआ कस्तूरबा विद्यालय भवन

अभिभावक सोहरलाठ गांव के उदय गंझू ने कहा कि पुत्री आठवीं कक्षा में पढ़ती है. आधे अधूरे भवन में पढ़ाई कराने में परेशानी होती है. सबसे अधिक दिक्कत ठंड के दिनों में होती है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 17, 2024 11:37 PM

कुंदा: सुदूरवर्ती क्षेत्र की बालिकाओं में शिक्षा को बढ़ावा देने को लेकर सरकार ने वर्ष 2005 में कस्तूरबा विद्यालय की स्थापना की थी. लेकिन 18 वर्ष बाद भी प्रखंड में कस्तूरबा विद्यालय का अपना भवन नहीं बन पाया है. संवेदक की लापरवाही के कारण विद्यालय का भवन अधूरा पड़ा है. 3.86 करोड़ की लागत से 12 मार्च 2016 को शिक्षा विभाग द्वारा भवन का निर्माण शुरू कराया गया था. दो वर्षों तक निर्माण कार्य चला, इसके बाद से निर्माण कार्य बंद है. निर्माणाधीन भवन में ही बच्चियां पठन-पाठन कर रही हैं. साथ ही बगल में स्थित टेन प्लस टू उवि के अतिरिक्त भवन में रहती हैं. छात्राओं को हमेशा पानी की समस्या से जूझना पड़ता है. यहां कक्षा छह से लेकर 12वीं तक की पढ़ाई होती है. विद्यालय में छात्राओं की संख्या करीब 400 है. प्रखंड के कई गांव की बच्चियां यहां पढ़ाई करती हैं. क्लास रूम के अभाव में झारखंड राज्य कोष से बनी कक्षा नौ से 12 की बच्चियों के छात्रावास में स्मार्ट क्लास व कंप्यूटर की पढ़ाई होती है.

भवन के अभाव में होती है परेशानी:

अभिभावक सोहरलाठ गांव के उदय गंझू ने कहा कि पुत्री आठवीं कक्षा में पढ़ती है. आधे अधूरे भवन में पढ़ाई कराने में परेशानी होती है. सबसे अधिक दिक्कत ठंड के दिनों में होती है. कुंदा के संतोष ठाकुर ने कहा कि उनकी पुत्री कक्षा छह में पढ़ती है. भवन नहीं रहने के कारण पढ़ाई करने व रहने में काफी परेशानी होती है.

विभाग को सूचना दे दी गयी है:

वार्डन इंदु भारती ने कहा कि भवन के अभाव में बच्चियों का पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है. उन्हें निर्माणाधीन भवन में पठन-पाठन कराया जा रहा है. क्लास रूम के अभाव में बच्चियों को काफी परेशानी होती है. पत्राचार कर इसकी सूचना विभाग को दी जा चुकी है.

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