Katyayani Mata ki Aarti: राक्षस महिषासुर के आतंक को समाप्त करने के लिए देवी दुर्गा ने मां कात्यायनी का रूप धारण किया था. शारदीय नवरात्रि में इनकी पूजा 6वें दिन यानि 1 अक्टूबर 2022, शनिवार को की जा रही है. विधि-विधान से इनकी पूजा करने से कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है. इन्हें लाल रंग के फूल या गुलाब बेहद पसंद होता है. मां कात्यायनी की पूजा करने के साथ ही आरती भी जरूर करें. आगे पढ़ें मां कात्यायनी की आरती…
जय जय अम्बे, जय कात्यायनी।
जय जगमाता, जग की महारानी।
बैजनाथ स्थान तुम्हारा।
वहां वरदाती नाम पुकारा।
कई नाम हैं, कई धाम हैं।
यह स्थान भी तो सुखधाम है।
हर मंदिर में जोत तुम्हारी।
कहीं योगेश्वरी महिमा न्यारी।
हर जगह उत्सव होते रहते।
हर मंदिर में भक्त हैं कहते।
कात्यायनी रक्षक काया की।
ग्रंथि काटे मोह माया की।
झूठे मोह से छुड़ाने वाली।
अपना नाम जपाने वाली।
बृहस्पतिवार को पूजा करियो।
ध्यान कात्यायनी का धरियो।
हर संकट को दूर करेगी।
भंडारे भरपूर करेगी।
जो भी मां को भक्त पुकारे।
कात्यायनी सब कष्ट निवारे।