गढ़वा के रमकंडा में KCC लोन देने की योजना हुई फेल, छह महीने में एक भी लाभुक को नहीं मिला लाभ
गढ़वा के रमकंडा में KCC लोन देने की योजना फेल हो गयी है. पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों के केसीसी लोन की स्वीकृति नहीं दी गयी. पिछले छह महीने से लाभुक को इसका लाभ नहीं मिला है. बैंकों को महीनों पहले आवेदन भेजा गया, लेकिन अब तक स्वीकृति नहीं दी गयी.
Jharkhand News: प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना (Prime Minister Kisan Samman Nidhi Scheme) से आच्छादित लाभुकों को KCC लोन देने की योजना जिले के रमकंडा प्रखंड में फेल हो गयी है. बैंकों को महीनों पहले आवेदन भेजे जाने के बावजूद आजतक यहां के किसी किसान के केसीसी ऋण की स्वीकृति नहीं दी गयी. मिली जानकारी के अनुसार फरवरी माह से अब तक झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की रमकंडा शाखा को अंचल कार्यालय ने केसीसी ऋण के लिये पीएम किसान सम्मान निधि योजना के 1019 लाभुकों का आवेदन भेजा है. वहीं भारतीय स्टेट बैंक की रंका शाखा को 436 आवेदन भेजे गये. पर, छह महीने बाद भी इस प्रखंड के किसी भी किसानों को ऋण की स्वीकृति नहीं मिली.
किसानों से कराया गया था आवेदन
मालूम हो कि पीएम किसान के लाभुकों को ऋण देने की योजना के लिए सरकार के निर्देश के बाद जोर-शोर से किसानों से आवेदन जमा कराया गया था. वहीं, तीन महीने पहले डीसी ने इसकी मॉनिटरिंग के दौरान बैंकों द्वारा वापस किये गये आवेदन पत्रों की सुधार कर फिर से बैंकों को भेजने का निर्देश बीडीओ को दिया था. लेकिन त्रुटिपूर्ण आवेदन में सुधार नहीं किया गया. आवेदन देने के छह माह बीत जाने के बाद भी इसका लाभ किसानों को नहीं मिला.
दो दिन पहले लौटाया 500 आवेदन
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक, रमकंडा ने दो दिन पहले करीब 500 आवेदनों में विभिन्न त्रुटि बताकर अंचल कार्यालय को वापस किया है. ऐसे में इन आवेदनों की सुधारने में महीनों लगेंगे. अधिकारियों ने बताया कि आवेदन मिलने के बाद बैंक की ओर से उसकी तत्काल जांच कर त्रुटि वाले आवेदनों को लौटाया जाता, तो इतनी देर नहीं होती.
मुझे जानकारी नहीं है : बीडीओ
किसानों को ऋण दिये जाने के विषय में पूछने पर बीडीओ पुष्कर सिंह मुंडा ने कहा कि कितने किसानों को ऋण मिला है. उन्हें इसकी जानकारी नहीं है. बीटीएम से पूछ लीजिए.
एक भी ऋण की स्वीकृति नहीं हुई है : शाखा प्रबंधक
झारखंड राज्य ग्रामीण बैंक की रमकंडा शाखा के प्रबंधक गिरीश कुमार ने कहा कि अभी तक एक भी ऋण की स्वीकृति नहीं हुई है. पिछले 15 सितंबर को ही त्रुटि वाले करीब 500 आवेदन वापस किये गये हैं.
रिपोर्ट : मुकेश तिवारी, रमकंडा, गढ़वा.