Kanpur: केडीए उपाध्यक्ष की तानाशाही, वारंट कराने वाले का निर्माणाधीन मकान सील, 39 साल से लड़ाई लड़ रहा पीड़ित
कानपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कराने वाले की निर्माणाधीन इमारत को केडीए ने सील कर दिया है. केडीए के आदेश के खिलाफ पीड़ित अब मंडलायुक्त की कोर्ट में अपील करने की तैयारी में है.
Kanpur News: कानपुर विकास प्राधिकरण में तैनात उपाध्यक्ष अरविंद सिंह की एक बार फिर से तानाशाही रवैया देखने को मिला है. जमीन का कब्जा नहीं मिलने से जवाहर समिति के सदस्य ने अपना हक मांगने के लिए केडीए के खिलाफ उपभोक्ता फोरम ने केस दर्ज कराया था. इसमें केडीए वीसी को नोटिस देकर जवाब दाखिल करने के लिए बुलाया जा रहा था. लेकिन, जब वीसी उपभोक्ता फोरम में हाजिर नहीं हुए तो कोर्ट ने अनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कर दिया. इससे तिलमिलाए केडीए वीसी अरविंद सिंह ने अपनी टीम को भेजकर पीड़ित का निर्माणाधीन मकान सील करवा दिया.
पीड़ित कार्रवाई के खिलाफ अपील की तैयारी में
कानपुर विकास प्राधिकरण उपाध्यक्ष के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी कराने वाले की निर्माणाधीन इमारत को केडीए ने सील कर दिया है. केडीए के आदेश के खिलाफ पीड़ित अब मंडलायुक्त की कोर्ट में अपील करने की तैयारी में है. अधिवक्ता आशीष शुक्ला का कहना है कि नवाबगंज ख्योरा में सुधीर प्रकाश शुक्ला के नाम पर एक भूखंड है, जिसका केडीए ने वर्ष 2018 में नक्शा भी पास किया था.
बाद में केडीए ने स्थलीय निरीक्षण कर के नक्शा नहीं होने का नोटिस दिया, जिसस पर सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में मुकदमा दाखिल किया गया. इसमें कोर्ट ने स्टे कर दिया. केडीए ने 29 अप्रैल 2023 को स्थलीय निरीक्षण के दौरान नक्शा नहीं दिखाने की बात कही और 6 मई की शाम को निर्माणाधीन इमारत को सील कर दिया.
उपभोक्ता फोरम से जारी हुआ था वारंट
कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष आईएएस अफसर अरविंद सिंह के विरुद्ध गैर जमानती वारंट ज़ारी हुआ था. इसमें संबंधित थानाध्यक्ष को निर्देश दिए गए कि वह उपाध्यक्ष अरविंद सिंह को न्यायालय के समक्ष पेश कराए. दरअसल उपभोक्ता फोरम ने कानपुर विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष को कई बार उपस्थित होने के निर्देश दिए थे. लेकिन, केडीए उपाध्यक्ष बार-बार फोरम द्वारा जारी निर्देशों की अवहेलना कर रहे थे. इस वजह से उपभोक्ता फोरम ने सख्त रुख अपनाते हुए केडीए उपाध्यक्ष के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर दिया. इसके साथ ही पुलिस को आदेश दिए कि केडीए उपाध्यक्ष को 27 मई 2023 को उपभोक्ता फोरम के समक्ष पेश किया जाए.
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ये है पूरा मामला
बताते चलें कि 39 साल से परिवादी प्लाट पर कब्जा पाने की लड़ाई लड़ रहा है. जूही कलां में जवाहर विद्या समिति को 19 जनवरी 1984 को 5138.67 वर्गमीटर का एक भूखंड आवंटित किया गया था. प्लॉट पर कब्जा नहीं मिलने पर जिला उपभोक्ता फोरम में की गई अपील पर 19 साल बाद आदेश दिया गया कि एक माह के भीतर रजिस्ट्री कराकर समिति को भूखंड का कब्जा दिया जाए. इसके बाद भी कब्जा नहीं मिलने से जिला उपभोक्ता आयोग (पूर्व जिला उपभोक्ता फोरम) 15 जुलाई 2022 को 25 दिन में कब्जा दिलाने का आदेश दिया. उपभोक्ता फोरम आयोग ने प्लाट में कब्जे के मामले में नोटिस का जवाब न आने और केडीए उपाध्यक्ष के अनुपस्थित रहने पर आदेश जारी किया है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी, कानपुर