सरायकेला (शचिन्द्र कुमार दाश) : सेंट्रल सिल्क बोर्ड (वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार) द्वारा सरायकेला-खरसावां जिले के खरसावां में संचालित बुनियादी रेशम बीज प्रगुणन एवं विपणन संस्थान ( बीएसएमटीसी) के प्रभारी सह वैज्ञानिक (बी) डॉ तिरुपम रेड्डी ने कहा कि तसर किसान तसर की खेती पर ध्यान दें. सरकार उन्हें हर तरह की सुविधा उपलब्ध करायेगी. वैज्ञानिक तरीके से तसर की खेती कर किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं. इससे गांव के किसान स्वावंलबी बन सकते हैं और गांव की अर्थव्यवस्था बदल सकती है.
डॉ तिरुपम रेड्डी ने कहा कि क्षेत्र के तसर किसानों को तसर की खेती का प्रशिक्षण दिया गया है. क्षेत्र के तसर किसानों को तसर की बेहतर खेती के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है. तसर उद्योग में खरसावां व कुचाई ने पूरे देश में मान बढ़ाया है. इससे लोगों को रोजगार मिल रहा है. डॉ रेड्डी ने किसानों को मुख्य रुप से बीजागार भवनों का निसंक्रमण, रसायनों का प्रयोग, रोग मुक्त चक्कतों का उत्पादन, कीटपालन का देखभाल, तसर कीटों में लगने वाले रोग की रोकथाम, माइक्रोस्कोप परीक्षण, कोआ हार्वेस्टिंग, बीजागार संरक्षण, बीज उत्पादन, बीजोपचार व बीज बैकिंग के संबंध में जानकारी दी.
डॉ रेड्डी ने कहा कि तसर की खेती में प्री कोकून व पोष्ट कोकून के तहत कार्य करने वाले लोगों की आमदनी बढ़ाने पर जोर है. आने वाले दिनों में नर्सरी व वर्मी कंपोस्ट बनाने का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा. वर्मी कंपोस्ट के उपयोग से ओर्गानिक कोकून तैयार होंगे. देश विदेश में ऑर्गेनिक कोकून की काफी मांग है. इसके जरिये किसानों को कम लागत में अधिक मुनाफा होगा. इस दौरान किसानों में कृषि उपकरण का भी वितरण किया गया गया.
Posted By : Guru Swarup Mishra